- जयपुर में सोमवार को RUHS की छठवीं मंजिल पर कोरोना पॉजिटिव आयकर विभाग के अधिकारी ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। फंदे से लटका आयकर अफसर का शव।
- हॉस्पिटल की छठवीं मंजिल में बने वार्ड में एडमिट थे अफसर, वहीं पर फंदा लगाकर जान दी
जयपुर। जयपुर के आरयूएचएस हॉस्पिटल के कोरोना वार्ड में भर्ती आयकर विभाग के एक अफसर ने खुदकुशी कर ली। अफसर ने हॉस्पिटल की छठवीं मंजिल में बने वार्ड में बेडशीट से फंदा लगाकर जान दे दी। सोमवार सुबह हॉस्पिटल के सुरक्षा गार्ड ने आयकर अफसर को फंदे पर लटका देखा। इसके बाद RUHS प्रबंधन और प्रताप नगर थाना पुलिस को सूचना दी।
सुसाइड करने वाले विनय कुमार मंगला (45) को 4 साल पहले सीबीआई ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए झालावाड़ में पकड़ा था। इसी मामले में 22 जनवरी को कोर्ट में सुनवाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया गया था। जेल भेजे जाने से पहले उनकी कोविड जांच करवाई। इसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें RUHS में भर्ती करवाया गया था।
वार्ड में अकेले भर्ती थे आयकर अफसर
विनय कुमार मंगला हॉस्पिटल में 6वीं मंजिल पर कैदियों के लिए बनाए एक वार्ड में भर्ती थे। बताया जा रहा है कि इस वार्ड में वे अकेले थे। सुबह करीब 4 बजे तक सिक्यूरिटी गार्ड ने राउंड के दौरान विजय कुमार को वार्ड में अपने बेड पर देखा था। इसके बाद जब वह दोबारा आया तब वे पंखे के कड़े से फंदे पर लटकते हुए नजर आए।
पुलिस ने बताया कि विनय कुमार मंगला कोटा में श्रीनाथपुरम के रहने वाले थे। मामला न्यायिक हिरासत में मौत से जुड़ा होने पर एसडीएम और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। मौके पर कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी पहुंचाया गया।
4 साल पहले सीबीआई ने पकड़ा था
शुरुआती जानकारी में सामने आया कि सीबीआई ने झालावाड़ में जिला आयकर अधिकारी रहे विनय कुमार मंगला को पेट्रोल पंप मालिक से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए 31 दिसंबर 2016 को गिरफ्तार किया था। परिवादी के पेट्रोल पंप की 2014-15 की आयकर डिमांड नहीं निकालने के एवज में मंगला ने रिश्वत मांगी थी।
परिवादी ने बातचीत करके आयकर अधिकारी मंगला को एक लाख रुपए देना तय किया। रिश्वत की रकम काम करने के बाद देना तय किया तो विनय कुमार ने परिवादी से बिना डेट का एक लाख रुपए का चेक ले लिया था। मामला सीबीआई तक पहुंच गया। सीबीआई ने तब उनके घर की सर्च की तो डेढ़ किलो सोना, अचल संपत्ति के दस्तावेज, 4 बैंक लॉकर, 6 अलग-अलग बैंकों में खातों का पता चला था। इसके अलावा, तलाशी में घर से 24.5 लाख रुपए के नए नोट मिले थे। नोटबंदी के दौरान मंगला ने पुराने नोटों को नए नोटों में तब्दील करवाया था।
कोटा में रहता है परिवार, 3-4 दिन पहले जयपुर आए थे
विनय कुमार मंगला का परिवार पिछले 5-6 साल से कोटा में श्रीनाथपुरम इलाके में मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट में रहता है। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं। 22 साल का बड़ा बेटा मेडिकल की तैयारी कर रहा है, जबकि 17 साल का बेटा स्कूल में है। कोटा में विजय कुमार मंगला के पड़ोसियों ने बताया कि किसी पुराने केस के सिलसिले में पत्नी के साथ 5-6 दिन पहले जयपुर गए थे। दोनों बच्चों का ख्याल रखने की कहकर गए थे। वह आखिर ऐसा कैसे कर सकते हैं?