- डिजिटल युग में भी रेडियो की प्रासंगिकता: जैन
- रेडियो तनाव खत्म करने में सहायक: प्रो. कर्नाटक

उदयपुर @ jagruk janta। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्वयं का कम्युनिटी रेडियो स्टेशन आरम्भ करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। प्रसार शिक्षा निदेशालय परिसर में करीब ढाई वर्ष में बनकर तैयार हुए रेडियो स्टेशन का लोकार्पण कुलगुरू डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने किया। आमजन एमपीयूएटी प्रताप रेडियो 90.4 एफ.एम. पर प्रतिदिन प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को सुन सकेंगे। कम्युनिटी रेडियो पर खासकर उदयपुर जिले के सुदूर आदिवासी क्षेत्रों के लिए किसानोपयोगी कार्यक्रम, फसलों में कीड़ा-बीमारी की जानकारी व उपाय, पशुपालन, उद्यानिकी, शूकर पालन, खेती-बाड़ी के साथ-साथ मनोरंजन, शिक्षा, समाजोत्थान से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत किए जायेंगे।
इस मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि शहर विधायक श्री ताराचन्द जैन ऑन लाइन जुड़े। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में भी रेडियो कई मायनों में प्रासंगिक है। यह सस्ता, सुलभ और सार्वभौमिक माध्यम है जो सूचना, शिक्षा और मनोरंजन को जन-जन तक पहुंचाता है। यह उन समुदायों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां इंटरनेट व बिजली की पहुंच नहीं है। विधायक जैन ने एमपीयूएटी में कम्युनिटी रेडियो स्टेशन आरंभ होने पर खुशी व्यक्त की। साथ ही आह्वान किया कि दक्षिणी राजस्थान के दूर-दराज के गांवों के किसानों, महिलाओं और बच्चों के लिए कम्युनिटी रेडियो लाभप्रद साबित होगा। कृषि एवं पशुपालन में नवाचारों की जानकारी दूर-दराज के किसान घर बैठे रेडियो के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलगुरू डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि बदलते दौर में रेडियो की प्रासंगिकता कम नहीं हुई है बल्कि सच्चाई यह है कि गांवों से ज्यादा शहर में लोग रेडियो सुनते हैं। रेडियो तनाव को खत्म करने में सहायक है वहीं कृषि के क्षेत्र में इसकी उपादेयता बनी हुई है। किसानों की आय में वृद्धि व बच्चों के स्वस्थ्य मनोरंजन की दिशा में यह रेडियो स्टेशन मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने याद दिलाया कि भारत सरकार से जब कम्युनिटी रेडियो सेन्टर स्थापित करने का परिपत्र मिला तो प्रदेश के पांचों कृषि विश्वविद्यालयो ं दौड़ पड़े लेकिन एमपीयूएटी को ही सफलता मिला पाई। रेडियो स्टेशन स्थापित करने में कई पेचीदगियां थी। संचार एवं रक्षा मंत्रालय सहित कई विभागों से अनापŸिा प्रमाण-पत्र लाने सहित आर्थिक बंदोबस्त बड़ा लक्ष्य था, उसे भी पूरा किया गया। कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से किसानों को फसल प्रबन्धन, कृषि उत्पादों के बाजार भाव, फसल बीमा आदि की नियमित जानकारी मिलेगी।
कभी शादी में था रेडियो साइकिल देने का प्रचलन
विशिष्ट अतिथि निदेशक अनुसंधान डॉ. अरविन्द वर्मा व पुर्व प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.ए. कौशिक ने कहा कि कम्युनिटी रेडियो स्टेशन से 25 किलोमीटर परिक्षेत्र में सीमावर्ती दूरदराज क्षेत्र के गांवों में प्रसारण हो सकेगा। चार-पांच दशक पूर्व शादी में लड़के को रेडियो व साइकिल देने का प्रचलन था। रेडियो की महत्व तब भी थी और आज भी है। विश्वविद्यालय ने अग्रणी सोच रखते हुए किसानोपयोगी एक बड़ी चीज स्थापित की हैं। कृषि, पशुपालन, सामाजिक उत्थान, महिला जागरूकता से जुड़े कार्यक्रम रेडियो के माध्यम से घर-घर पहुंचेंगे। साथ ही प्रसार शिक्षा के साथ अनुसंधान को जोड़ते हुए कार्यक्रम किसानों के लिए लाभप्रद साबित होंगे।
आरंभ में प्रसार शिक्षा निदेशक, डॉ. आर.एल. सोनी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कुलगुरू डॉ. कर्नाटक की दूरदृष्टि व कुशल नेतृत्व प्रबन्धन के कारण ही कम्युनिटी रेडियो स्टेशन यहां स्थापित हो पाया। रेडियो स्टेशन पर रिकार्डिंग रूम, एडीटर रूम और ऑन एयर रूम बनकर तैयार हो गये थे और दो माह से ट्रॉयल चल रही थी। हर दिन कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, खेती-बाड़ी की खबरंे, शिक्षा क्षेत्र से जुडे़ प्रबुद्ध लोगों की वार्ताएं रिकार्ड कर प्रसारित की जा रही थी। अब लोकार्पण के बाद प्रतिदिन नियमित रूप से कार्यक्रम प्रसारित होंगे।
उद्घाटन कार्यक्रम में प्रसार शिक्षा निदेशालय के अधीन कार्यरत सभी आठ कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुख एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ. योगेश कनोजिया, डॉ. सी.एम. यादव, डॉ. रतन लाल सोलंकी, डॉ. दीपा इंदोरिया, डॉ. सुनील जोशी, डॉ. लतिका व्यास, डॉ. सी.एम. बलाई, डॉ. बी.एस. भाटी, डॉ. बी.एल. रोत, डॉ. पी.सी. रेगर, डॉ. मनीराम आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में वल्लभनगर क्षेत्र की 40 से ज्यादा कृषि सखियां भी उपस्थित थी। संचालन करते हुए प्रो. राजीव बैराठी ने बताया कि एक सर्वे के अनुसार 98 प्रतिशत लोगों के पास रेडियो है। रेडियो को घर से लेकर खेत पर भी सुना जा सकता है जबकि टी.वी. के साथ ऐसा नहीं है। रेडियो स्टेशन मैनेजर रश्मिधर दूबे व साउण्ड इंजीनियर अमरदीप नामदेव भी मौजूद थे।
कम्युनिटी रेडियो स्टेशन के उद्देश्य
- सामुदायिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी और संसाधन प्रदान करना।
- स्थानीय वाणी को मंच प्रदान करना।शिक्षा और जागरूकता लाना।
- कृषि से सम्बन्धित जानकारी प्रदान करना।
- स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी प्रदान करना।
- स्थानीय संस्कृति, कला, संगीत और परम्पराओं को प्रसारित करना।
- महत्वपूर्ण तिथियां, उनसे जुड़ी जानकारियों का प्रसारण करना।
- किसानों के अनुभवों को साझा करना।
रेडियो MPUAT 90.4 – एक नजर में
रेडियो का प्रसारण – शुरूआत में 11 से 01 बजे तक सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन। बाद में समायवधि बढ़ाई जाएगी।
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