विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (Vishwakarma Industries Association) ने नगरीय विकास शुल्क के नोटिसों ( Urban development ) का कड़ा विरोध किया। एसोसिएशन की ओर से बुलाई गई बैठक में अध्यक्ष तारा चन्द चौधरी ने बताया कि बैठक में उद्यमियों ( Entrepreneurs ) ने प्रस्ताव पास किया है कि प्राइवेट ठेकेदारों को आगे से कोई भी अपने उद्योगों में नहीं घुसने देगा।नगर निगम ( Municipal Corporation ) की ओर से प्राइवेट ठेकेदारों द्वारा शुल्क वसूलने का कार्य किया जा रहा है।
जयपुर। विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (वीकेआई) ने नगरीय विकास शुल्क के नोटिसों का कड़ा विरोध किया। एसोसिएशन की ओर से बुलाई गई बैठक में अध्यक्ष तारा चन्द चौधरी ने बताया कि बैठक में उद्यमियों ने प्रस्ताव पास किया है कि प्राइवेट ठेकेदारों को आगे से कोई भी अपने उद्योगों में नहीं घुसने देगा। नगर निगम की ओर से प्राइवेट ठेकेदारों द्वारा शुल्क वसूलने का कार्य किया जा रहा है।
चौधरी ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में रीको की ओर से इंडस्ट्रीज प्लॉटों का ही आवंटन किया गया है, इसलिए औद्योगिक प्लॉटों पर जो नोटिस दिए हुए हैं उन्हें तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए। ऐसे नहीं होने पर औद्योगिक क्षेत्र की सभी एसोसिएट एक साथ मिलकर इन नोटिसों का विरोध और प्रदर्शन करेंंगे। बैठक में लखन गोयल वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रवीण तोतला उपाध्यक्ष, सुशांत गोयल वरिष्ठ संयुक्त सचिव, बाबूलाल शर्मा संयुक्त सचिव, निर्मल जैन कोषाध्यक्ष, अरुण अग्रवाल कार्यकारी अध्यक्ष, फोर्टी, जगदीश सोमानी अध्यक्ष, विश्वकर्मा रीक्रिएशन क्लब एवं अन्य कार्यकारिणी सदस्य मौजूद थे।
नगरीय विकास शुल्क हटने के बाद भी वसूली
रीको की ओर से औद्योगिक क्षेत्रों में रोड लाइट और सफाई आदि कार्य किया जाता है, जिसके एवज में रीको उद्योगों से सालाना सर्विस चार्ज वसूलती है। फिर भी रीको औद्योगिक क्षेत्रों में नगरीय विकास शुल्क लगा दिया गया था, कड़े विरोध के कारण राज्य सरकार ने रीको औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों पर स्वास्थ्य शासन विभाग के आदेश के बाद हटा दिया था। इसके बावजूद नगर निगम उद्योगों को नगरीय विकास शुल्क के नोटिस इंडस्ट्री के अलावा दूसरी गतिविधियां मानते हुए देते रहते हैं और उद्यमियों को नाजायज परेशान किया जाता है।