कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को बालिग होने पर सरकारी नौकरी मिलेगी :ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी मंजूर, 200 संस्थाओं को सस्ती जमीन; आर्मी की नई रेंज बनेगी

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में 20 से ज्यादा प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई। विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों को खुश करने के लिए उनकी लंबे समय से चली आ रही वेतन विसंगति दूर करने की मांग को मान लिया गया है।

अब कर्मचारियों को 9, 18 और 27 साल की सर्विस पूरी होने पर साल 1992 के सिस्टम से बढ़े हुए पे स्केल का लाभ मिलेगा। कैबिनेट में इसके लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। अब नियमों में बदलाव से सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में ज्यादा पैसा मिलेगा।

कोरोना में अनाथ हुए हुए बच्चों को बालिग होने पर सरकारी नौकरी देने, ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी, 200 से ज्यादा सामाजिक संस्थाओं को सस्ती जमीन और कन्हैया मर्डर के आरोपियों को पकड़ने वालों को सरकारी नौकरी के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लग गई है। कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्रिपरिषद की बैठक हुई।

सीएम ने बजट में की थी घोषणा
1992 से पहले कर्मचारियों को 9, 18 और 27 साल की सेवा पूरी करने पर प्रमोशन पोस्ट का पे स्केल दिए जाने का प्रावधान था। छठा वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) को संशोधित कर लागू किया था। इसके तहत 10, 20, 30 साल की सेवा पर एक आगे की पे स्केल देने का प्रावधान किया था। इसी तर्ज पर राज्य में 1 जनवरी 2006 से छठा वेतन आयोग लागू करते समय सिलेक्शन स्केल की जगह अश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (ACP) की व्यवस्था लागू की गई।

इसके तहत कर्मचारियों को 9, 18, 27 और स्टेट सर्विस को 10, 20, 30 साल की सेवा पूरी होने पर एक हायर पे स्केल दिए जाने का प्रावधान किया गया। इस प्रकार सिलेक्शन ग्रेड से एसीपी में बदलाव से कर्मचारियों के लाभ में कमी आ गई। सीएम ने ACP में दोबारा संशोधन करते हुए स्टेट सर्विस सहित सभी कर्मचारियों को 1992 में मंजूर की गई सिलेक्शन ग्रेड की तर्ज पर 9, 18, 27 साल की सेवा पूरी करने पर पहली, दूसरी और तीसरी पदोन्नति वाले पे स्केल दिए जाने की घोषणा बजट में की थी।

कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने वालों को सरकारी नौकरी
उदयपुर के कन्हैयालाल की हत्या करके भाग रहे आरोपियों को पकड़ने वाले राजसमंद के दो युवकों को सरकारी नौकरी देने का फैसला कैबिनेट में किया गया है। दोनों युवकों को अभी तक कोई सहायता नहीं मिली थी।

ग्रीन हाइड्रोजन नीति और बायोमास एंड वेस्ट टू एनर्जी पॉलिसी को मिली मंजूरी
कैबिनेट ने राजस्थान ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2023 और बायोमास एंड वेस्ट टू एनर्जी नीति-2023 को मंजूरी दी है। ग्रीन हाइड्रोजन नीति के तहत राज्य में ग्रीन हाइड्रोजन आधारित परियोजनाओं से साल 2030 तक 2000 केटीपीए क्षमता के प्रोजेक्ट लगाने का टारगेट रखा गया है।

बायोमास और कचरे से बिजली बनाने की पॉलिसी बनाई है। शहरी कचरे से बिजली बनाने के प्लांट लगाए जाएंगे। खेतों में फसलों के बचे हुए हिस्सों और सूखे पौधों को बायोमास एनर्जी प्लांट में काम लिया जाएगा। पराली को भी इस काम में लिया जाएगा, जिससे पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सकेगा। हालांकि राजस्थान में गंगानगर और हनुमानगढ़ के सिंचित क्षेत्र के कुछ भागों में ही पराली जलाई जाती है।

200 से ज्यादा सामाजिक संस्थाओं को सस्ती जमीन आवंटित, आरक्षित दर का केवल 10% पैसा लगेगा
कैबिनेट की बैठक में 200 से ज्यादा सामाजिक संस्थाओं को सस्ती दरों पर जमीन आवंटित करने का फैसला किया है। इन संस्थाओं को आरक्षित दर की 10 फीसदी रकम ही देनी होगी। सामाजिक संस्थाओं को हॉस्टल, वृद्धाश्रम, सामुदायिक केंद्र और सामाजिक कामों के लिए जमीन आवंटित करने का फैसला किया है। पहले के 45 जमीन आवंटनों के मामलों में भी अब केवल आरक्षित दर का 10% ही जमा करवाने की छूट दी है। जिन संस्थाओं ने राशि नहीं जमा करवाई है, उन्हें भी 10 प्रतिशत आरक्षित दर पर भूमि आवंटित की जाएगी।

जयपुर की बंद सरकारी दवा फैक्ट्री RDPL को चलाएगी सरकार
राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (आरडीपीएल) को अब राजस्थान सरकार चलाएगी। जयपुर के वीकेआई में यह फैक्ट्री पिछले चार साल से बंद पड़ी है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार की पार्टनरशिप है। कैबिनेट में आरडीपीएल को फिर से चालू करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।

जैसलमेर की सम तहसील में आर्मी की रेंज बनेगी
सम तहसील में आर्मी को 7872 हेक्टेयर जमीन आवंटित होगी। आर्मी इस जमीन का पैसा चुकाएगी। यहां पर मैन्युअल रेंज बनेगी। सम तहसील के गांव शाहगंज, खेराजा और अडकिया में इसे बनाया जाएगा। जैसलमेर कलेक्टर ने इसके लिए 29 मार्च को प्रस्ताव भेजा था, जिसे आज मंजूरी मिल गई है।

कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को बालिग होने पर सरकारी नौकरी मिलेगी
कोरोना में अनाथ हुए हुए बच्चों को 18 साल की उम्र पूरी होने पर सरकारी नौकरी देने के लिए नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। 31 मार्च 2023 से पहले कोरोना के कारण जिनके माता-पिता की डेथ हो गई है। उन बच्चों को बालिग होने पर सरकारी नौकरी देने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। ऐसे अनाथ बालक-बालिकाएं जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु पहले हो चुकी और दूसरे की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च 2023 या इससे पहले हुई। अनाथ होने के समय उनकी उम्र 18 साल से ज्यादा नहीं हो। उनको सरकारी नौकरी दी जाएगी।

जोधपुर में खुलेगा राजस्थान स्टेट स्पोट्‌र्स इंस्टीट्यूट
जोधपुर में राजस्थान स्टेट स्पोट्‌र्स इंस्टीट्यूट खुलेगा। बजट में की गई इस घोषणा को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। इस इंस्टीट्यूट में खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग सेशन चलेंगे। ओलिंपिक खेलों की तैयारी के लिए भी यहां पर ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए जाएंगे। राजस्थान स्टेट स्पोट्‌र्स इंस्टीट्यूट के गवर्निंग बोर्ड का गठन होगा।

मुख्य सचिव इसके अध्यक्ष होंगे जबकि युवा और खेल विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव इसके उपाध्यक्ष होंगे। संस्थान निदेशक सदस्य सचिव होंगे। शिक्षा विभाग, स्पोट्‌र्स काउंसिल के सचिव, ग्रामीण विकास विभाग के मनोनीत मेंबर इसके सदस्य होंगे। इसके अलावा खेलों से जुड़े तीन सदस्य भी मनोनीत किए जाएंगे, जो अर्जुन अवॉर्ड या मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड या महाराणा प्रताप खेल रत्न अवॉर्ड से पुरस्कृत होंगे। इनका राज्य का मूल निवासी होना जरूरी होगा।

जैसलमेर के रामगढ़ में बनेगा आर्मी का कंपोजिट एविएशन बेस
जैसलमेर के रामगढ़ में नेतसी गांव में आर्मी को कंपोजिट एविएशन बेस बनाने के लिए 880 बीघा जमीन आवंटित की जाएगी। आर्मी को जमीन पैसा लेकर आवंटित की जाएगी। जैसलमेर कलेक्टर ने 29 मार्च को प्रस्ताव भेजा था, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

इंजीनियरिंग सेवा में EWS को आयु सीमा में 5 से 10 साल की छूट
राजस्थान स्टेट इंजीनियरिंग सेवा में भी EWS के कैंडिडेट्स को आयु सीमा में छूट मिलेगी। ईडब्ल्यूएस के पुरुष कैंडिडेट को 5 साल और महिला को 10 साल की ऊपरी सीमा में छूट दी जाएगी। बाकी सेवाओं में पहले से ईडब्ल्यूएस को आयु सीमा में छूट मिल रही है। इंजीनियरिंग सेवा को इसके दायरे में नहीं लिया गया था, अब इसे भी शामिल करने का फैसला किया गया है।

फिजियोथेरेपिस्ट के लिए योग्यता बदली, अब BPT कोर्स जरूरी
फिजियोथेरेपिस्ट भर्ती के नियमों में संशोधन किया गया है। पहले फिजियोथेरेपिस्ट के लिए सेकेंडरी परीक्षा और फिजियोथेरेपी में डिप्लोमा योग्यता तय थी। अब इसकी योग्यता में बदलाव किया गया है। फिजियोथेरेपिस्ट भर्ती के लिए अब बायोलॉजी के साथ सीनियर सेकेंडरी और बैचलर इन फिजियोथेरेपी (बीपीटी) कोर्स अनिवार्य होगा।

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