अजमेर। बीसलपुर बांध में पानी का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आज दोपहर तक इसके गेट खोले जा सकते हैं। अजमेर, जयपुर और टोंक की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध पूरी क्षमता के साथ भरने की कगार पर है। गुरुवार सुबह10 बजे तक इसका जलस्तर 315.36 आरएल मीटर पर पहुंच गया। भराव क्षमता 350.50 मीटर है। पिछले दिनों के मुकाबले पानी का लेवल धीरे-धीरे बढ़ रहा है। अगर आज भी ऐसी ही स्थिति रही तो दोपहर बाद इसके गेट खोले जा सकते हैं।
बीते 19 साल में बीसलपुर बांध 5 बार भर चुका है। यह छठी बार होगा, जब गेट खोलकर पानी निकाला जाएगा। इसको लेकर पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। गेट खुलने की संभावना को देखते हुए आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया गया है। बांध के गेट खोलकर टेस्टिंग भी कर ली गई है। बांध के गेट खोलने से पहले बजाए गए सायरन की आवाज दूर तक सुनाई दी। गेट खोलने वाले स्काडा सिस्टम की जांच भी की गई।
SE वीरेंद्र सिंह सागर ने बताया कि बीसलपुर का जलस्तर गुरुवार सुबह 10 बजे तक 315.36 मीटर तक पहुंच चुका है। लेकिन, अब पानी कम आ रहा है। बांध भराव क्षमता के 315.50 मीटर तक पहुंचने पर जल निकासी की जाएगी। किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो इसलिए डाउन स्ट्रीम में बनास नदी के बहाव क्षेत्र में किसी भी तरह की एक्टिविटी व मूवमेंट नहीं करने के निर्देश जारी किए गए है।
3 जिलाें के 1800 गांवों में 2 साल तक सप्लाई हाेने जितना पानी
एक्सईएन रामनिवास खाती ने बताया कि बीसलपुर बांध भरते ही हमारे पास 3 जिलाें अजमेर, जयपुर और टोंक शहर के साथ 1800 गांवों काे डेढ़ साल तक सप्लाई करने जितना पानी जमा हाे जाएगा। पेयजल की सप्लाई सुचारु हाेगी और टोंक सहित आसपास के क्षेत्रों में इसी बांध के पानी से सिंचाई भी हाे सकेगी।
त्रिवेणी का गेज घटकर 4.60 मीटर पर पहुंचा
यदि तेज बारिश होती ताे बुधवार रात तक ही बीसलपुर बांध का जलस्तर 315.50 मीटर तक पहुंच जाता। लेकिन मौजूदा पानी की रफ्तार के हिसाब से गुरुवार दोपहर तक बांध भर सकता है। ऐसे में बांध के गेट खोले जा सकते हैं। इधर, बांध में पानी की आवक की मुख्य नदियों बनास, खारी और डाई नदी के संगम त्रिवेणी का गेज कम हाे रहा है। यह अब 4.10 मीटर पर पहुंच गया है।
1 करोड़ लोगों की प्यास बुझाता है बांध
बीसलपुर बांध से टोंक, अजमेर और जयपुर जिले के करीब 1 करोड़ लोगों के लिए पेयजल की सप्लाई होती है। रोजाना इस बांध से एवरेज 2 सेंटीमीटर पानी पेयजल की सप्लाई में खपत होता है। इन तीनों जिलों में रोजाना औसत 950 एमएलडी पानी सप्लाई किया जाता है। 1 एमएलडी में करीब 28 लाख लीटर पानी होता है।
इस बार नहरों में भी छोड़ा जाएगा पानी
बांध छलकने की स्थिति में इस साल रबी की फसल के लिए नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। नहरों में छोड़ने के लिए बांध का 8 टीएमसी पानी निर्धारित कर रखा है। इससे जिले के करीब तीन लाख किसानों की 2 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। इससे जिले में सरसों का रकबा भी बढ़ेगा और बंपर पैदावार होने की संभावना है।