जोधपुर @जागरूक जनता मेहनत इतनी खामाेशी से कराे कि सफलता शोर मचा दे। इस कथन को सिद्ध किया है जोधपुर की 25 वर्षीय मूक बधिर खिलाड़ी राखी अटल ने। जोधपुर की माहेश्वरी समाज की बालिका टेबल टेनिस खिलाड़ी राखी अटल ने ब्राजील में आयोजित 24 वे ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया व टेबल टेनिस में 6वा स्थान प्राप्त किया व कल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात की । राखी अटल मूक – बधीर है ।
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राखी ने अपनी जीत का श्रेय माता-पिता और रेलवे स्टेडियम में टेबल टेनिस कोच अमित थानवी व रेलवे खेल अधिकारियों को दिया है। उनका सपना भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल दिलाने का पुरा हुआ है। हालांकि यहां तक पहुंचना राखी के लिए चुनौतियों का लंबा सफर रहा। राखी के लिए सामान्य खिलाड़ियों के साथ खेलना और संवाद करना आसान नहीं था। इसके बाद भी राखी ने जिंदगी में कई मुश्किलों का सामना किया। बड़े भाई तरुण, जो कि मूक-बधिर थे के असामयिक निधन ने राखी को झकझोर कर रख दिया।
बहन ही राखी की ट्रांसलेटर, जैसे फिल्म इकबाल में हुआ था
बहन ही राखी की ट्रांसलेटर, जैसे फिल्म इकबाल में हुआ था
शुरुआती ट्रेनिंग में रेलवे स्टेडियम के कोच अमित थानवी ना तो राखी की साइन लैंग्वेज समझ पाते, ना कुछ समझा पाते। थानवी ने राखी की बड़ी बहन उषा माहेश्वरी को भी राखी के साथ बुलाना शुरू किया। 6 माह में उन्होंने भी साइन लैंग्वेज को काफी हद तक समझा। ठीक उसी तरह जैसे इकबाल मूवी में मूक-बधिर खिलाड़ी की बहन उसके व कोच के बीच ट्रांसलेटर बनती है।
रिपोर्ट :-मेहराम गहलोत