5 जिलों की 250 से अधिक सखियों द्वारा निर्मित उत्पादों से सजे सखी हाट का शुभारंभ


  • स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा सखी हाट – जिला कलेक्टर
  • मुझे गर्व है कि ग्रामीण महिलाएं अब हुनरमंद उद्यमी के रूप में पहचान बनाएंगी – मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिन्दुस्तान ज़िंक

चित्तौड़गढ़ @ इलियास मोहम्मद। गाॅंवो में रहने वाली 250 से अधिक सखियों की कड़ी मेहनत और हुनर को पहचान देने के साथ ही सशक्त और आत्तनिर्भर बनाने हेतु मंच प्रदान करने के उद्धेश्य से चित्तौड़गढ़ के ज़िंक नगर में सखी हाट का शुभारंभ चित्तौडगढ़ जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा, हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा एवं अतिथियों द्वारा फीता काट कर विधिवत रूप से किया गया।

सखी महिलाओं द्वारा हस्तकौशल एवं हस्त निर्मित उत्पादों सुदंर परिधानों, शुद्ध खाद्य सामग्री और साथ ही विभिन्न खाद्य स्टाॅल से सुसज्जित एवं महिलाओं द्वारा ही संचालित यह सखी हाट सभी के आकर्षण और प्रशंसा का केंद्र रहा। विशेष रूप से सखी महिलाओं के आत्मविश्वास को देख कर सभी ने उन्हें प्रोत्साहित कर प्रशंसा की। संभवतया ये प्रदेश का ही नहीं देश का पहला ऐसा सखी हाट है जहां सभी उत्पादो के निर्माण से लेकर उपभोक्ता तक पहुंचाने की सभी जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा की जाएगी। सखी हाट में डिजायनर वस्त्र, बैग, मास्क, विभिन्न प्रकार की दालें, अचार,घी ,शहद और पास के गांवों के दुध से निर्मित पनीर सहित, पानी पतासे, रजवाड़ी चाय काफी एवं नाश्तें उपलब्ध होगें। सखी हाट में ब्यूटी पार्लर भी है जिसे सखी महिला संचालित करेंगी।

इस अवसर पर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि हिन्दुस्तान ज़िंक समुदाय हित कि कार्य नियमित रूप से करता रहा है। सखी हाट से महिलाओं को मंच प्रदान होगा, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार और आय संवर्धन की दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के द्वारा स्थानिय स्तर पर निर्मित गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

शुभारंभ के अवसर पर हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि सखी हाट महिलाओं के हुनरमंद हाथो से बने उत्पादों को आधुनिक मंच प्रदान करने का अनूठा उदाहरण है। यह स्वावलंबंन और सखियों की सामाजिंक गरिमा की यात्रा को आगे बढ़ाने का अहम पडाव है जिसे हम सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु जारी रखेगें। मैं गौरवान्वित हूं कि ग्रामीण महिलाएं अब प्रतियोगी और हुनर मंद सखी उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बना रही है। ग्रामीण सखी महिलाओं के बने उत्पादों को गांव ,शहर ,राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और सम्मान मिले, सखी महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक स्तर उत्तरोत्तर बढ़त की ओर अग्रसर हो यही हमारा विजन और लक्ष्य है।

हिन्दुस्तान ज़िंक राजस्थान के 5 जिलों उदयपुर, राजसमंद, चित्तौडगढ़, भीलवाडा और अजमेंर एवं उत्तराखंड के रूद्रपुर की 7 इकाइयों में सखी कार्यक्रम से ‘वोकल फाॅर लोकल को बढ़ावा देता है जिनसे घरेलू उत्पादों और स्थानीय पहल को पुनर्जीवित करने में सहायता मिली है। हिन्दुस्तान ज़िंक का सखी कार्यक्रम महिलाओं को लघु उद्यमियों के रूप में पहचान दिलाने और उन्हें प्रशिक्षित कर आर्थिक रूप से स्वतंत्र एवं सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

शुभारंभ अवसर पर हिन्दुस्तान ज़िंक के उपमुख्य परिचालन अधिकारी एवं चंदेरिया लेड ज़िंक स्मेल्टर के लोकेशन हेड चंदु सी, हेड सीएसआर अनुपम निधि, हेड कार्पोरेट कम्यूनिकेशन दीप्ती अग्रवाल, जिंक के वरिष्ठ अधिकारी राजेश लुहाडिया, कमोद सिंह, मानस त्यागी, अनागत आशीष, मजदूर संघ के महामंत्री घनश्याम सिंह राणावत, उपाध्यक्ष एसके मोड़, मंजरी फाउण्डेशन के नरेश नेन, अमरीश सहित अधिकारी, कर्मचारी एवं सखी महिलाएं उपस्थित थे।
चित्तौडगढ़ की पुठोली गांव की संतोष सखी हाट में ब्यूटीशियन के रूप में जुडी है, उनका कहना है कि वे स्वयं का ब्यूटीपार्लर शरू करने में सक्षम नही थी जिससे पार्लर के लिये सिखा हुआ आय सृजित करने में उपयोग नहीं हो पा रहा था। जब सखी हाट से जुड़ने का अवसर मिला तो सपने के सच होने जैसा था, अब और ज्यादा मेहनत और लगन से पार्लर को सफ़ल बनाना ही मेरा लक्ष्य है।

निकटवर्ती गणेशपुरा की नगमा मंसूरी सखी हाट में स्टोर मैनेजर के रूप में जुड़ कर खुश नजर आती है। उनका कहना है कि बीकाॅम तक पढ़ाई करने के बाद शादी हो गयी और योग्यता के अनुसार अवसर नही मिल पाये जिससे पढाई का उपयोग नहीं हो पाया। सखी हाट से यह अवसर मिला है कि अब स्वयं को साबित कर के दिखाया जा सकेगा। मेरा लक्ष्य है कि एक दिन सखी हाट के प्रबंधक के रूप में अवसर मिले।
हिन्दुस्तान जिंक ने सखी अभियान से महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का अनुकरणीय कार्य किया है। हिन्दुस्तान जिंक अपने सामाजिक सरोकार के तहत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए विगत 14 वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का स्वंय सहायता समूह बनाकर उनक रूचि एवं आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण देकर समाज में अपनी अलग ही पहचान दिलाने का अनुठा प्रयास कर रहा है। फलस्वरूप इस अभियान से जुडी महिलाओं में अदम्य विश्वास मुखरित हुआ है। आज वे आत्मनिर्भर बनकर परिवार की आर्थिक समृद्धि को निरंतर गति दे रही है।

सखी परियोजना विगत 5 वर्षो से हिन्दुस्तान ज़िंक द्वारा मंजरी फाउण्डेशन के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। जिसकें तहत् ग्रामीण महिलाओं को अभिप्रेरित कर, स्वयं सहायता समुहों से जोड़कर, अगले पायदान ग्राम संगठन, उससे भी परे सखी फेडरेशन से जोड़कर सतत् आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से सशक्त किया जा रहा है। वर्तमान में 27,300 से अधिक महिलाएं 7 फैडरेशन और 207 ग्राम स्तर संगठनो से जुडी हुयी है।


सखी द्वारा निर्मित उत्पाद आईएसओ प्रमाणित एवं बाजार में उपलब्ध

सखी उत्पादन समिति ग्रामीण महिलाओं की रजिस्टर्ड संस्था है जिसे माइक्रो, स्माॅल एण्ड मिडियम एंटरप्रइजेज के तहत् जिला उद्योग केंद्र में पंजिकृत कराया गया है। यह आईएसओ 9001ः 2015 क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम में मैन्यूफेक्चरिंग एण्ड मार्केटिंग ऑफ टेक्सटाईल,स्पाईस एवं पिकल के लिये प्रमाणित है। जिंक ने सखी समूहों के आय सृजन को प्राथमिकता देते हुए निर्मित उत्पादों की बिक्री को स्थानीय और राज्य स्तरीय बाजार से जोडा है। उल्लेखनीय है कि अब सखी निर्मित उत्पाद ऑन लाईन उपाया पोर्टल पर भी उपलब्ध है।


Jagruk Janta

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