जयपुर। जयपुर नगर निगम ग्रेटर में निलंबित चल रहे 3 पार्षदों को राज्य सरकार ने आज पद से बर्खास्त कर दिया है। अब इन तीन पार्षदों के हटने के बाद खाली हुई सीट पर दोबारा चुनाव करवाए जाएंगे। वहीं, महापौर सौम्या गुर्जर के मामले में सरकार न्यायिक जांच की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करने के बाद ही कोई एक्शन लेगी।
स्वायत्त शासन निदेशालय से जारी आदेशों के मुताबिक वार्ड 72 से भाजपा के पार्षद पारस जैन, वार्ड 39 से अजय सिंह और वार्ड 103 से निर्दलीय शंकर शर्मा को पद से बर्खास्त किया गया है। इन तीनों ही पार्षदों को सरकार ने न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्त किया है।
आपको बता दें कि इन तीनों पार्षदों को राज्य सरकार ने पिछले साल 6 जून 2021 को निलंबित कर दिया था। इन पार्षदों को तत्कालीन नगर निगम ग्रेटर के कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव के साथ मारपीट, धक्का-मुक्की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में दोषी मानते हुए निलंबित किया गया था। इसके बाद सरकार ने इन तीनों ही पार्षदों के साथ मेयर सौम्या गुर्जर के खिलाफ न्यायिक जांच शुरू करवा दी थी।
6 साल तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
राज्य सरकार से जारी आदेशों के बाद अब ये तीनों पार्षद अगले 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इन तीनों पार्षदों को अब चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।
न्यायिक जांच की कॉपी मांगने के लिए दिया था धरना
इन तीनों ही निलंबित पार्षदों ने न्यायिक जांच की कॉपी लेने के लिए पिछले कुछ दिन से लगातार स्थानीय स्वायत्त शासन निदेशालय के बाहर धरना दे रहे थे। उस समय इन तीनों ने ही आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें जल्द बर्खास्त कर देगी, लेकिन कॉपी उपलब्ध नहीं करवाएगी। क्योंकि सरकार को डर है कि कहीं हम कोर्ट जाकर स्टे न ले आए।
अजय सिंह चौहान, पारस जैन और शंकर शर्मा