अब दुश्मनों की खैर नहीं, सेना की ताकत बढ़ाने आ गया देश का पहला लाइट टैंक जोरावर

  • टैंक को वर्ष 2027 तक भारतीय सेना में शामिल किया जा सकता है।
  • डीआरडीओ कर रहा स्वदेशी लाइट टैंक जोरावर का निर्माण।
  • टी-72 और टी-90 टैंकों की तुलना में हल्का होगा वजन।
  • 2027 तक सेना को सौंपा जा सकता है।

Zorawar Tank डीआरडीओ और एलएंडटी की ओर से विकसित किए जा रहे स्वदेशी लाइट टैंक जोरावर की तस्वीरें सामने आई हैं। इन हल्के टैंक को भारतीय सेना को सौंपा जाएगा जिसके बाद चीन से मुकाबले के लिए इन्हें एलएसी पर तैनात किया जाएगा। हल्के वजन वाले ये टैंक पहाड़ों की खड़ी चढ़ाई और नदियों को अधिक आसानी से पार कर सकते हैं।

भारत के स्वदेशी लाइट टैंक ‘जोरावर’ का उत्पादन कार्य तेजी से जारी है। डीआरडीओ और एलएंडटी की ओर से मिलकर विकसित किए जा रहे इन टैंक की तस्वीरें भी सामने आई हैं। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, DRDO के प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने शनिवार को गुजरात के हजीरा में टैंक प्रोजेक्ट की समीक्षा की।

डीआरडीओ टैंक लैब के निदेशक राजेश कुमार ने बताया, ‘आम तौर पर तीन अलग-अलग प्रकार के टैंक होते हैं। वजन के आधार पर तीन श्रेणियां होती हैं- भारी टैंक, मध्यम टैंक और हल्के टैंक। हर एक की अपनी भूमिका होती है। एक सुरक्षा के लिए और एक आक्रमण के लिए और ये हल्के टैंक दोनों के लिए मिश्रित भूमिका निभाते हैं।’

कम वजन के बावजूद टैंक में हैं सभी खूबियां
राजेश कुमार बताते हैं कि यदि आप एक हल्का टैंक देखते हैं तो दुनिया में कई खिलाड़ी हल्के टैंक बना रहे हैं। इनमें पश्चिमी, रूसी और चीनी टैंक हैं। भारतीय टैंक की खासियत यह है कि कम वजन होने के साथ टैंकों के सभी मूलभूत मापदंड, जैसे कि आग, शक्ति, गतिशीलता और सुरक्षा इसमें समाहित हैं। तीनों को इस तरह से शामिल किया गया है कि वजन भी समान बना रहे और सभी पैरामीटर भी मिलें।

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