अंतिम सांस तक राजस्थान से दूर नहीं रहूंगा:कहा- चाहे कोई जिम्मेदारी हो; कुछ भी करूं, लेकिन मैं था सूं दूर नहीं-गहलोत

जयपुर/ अंता (बारां)। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नाम की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि 28 अगस्त को चुनाव का कार्यक्रम घोषित होगा, उसमें तय होगा कि चुनाव का प्रोसेस क्या रहेगा? मैं आपके बीच हूं, मैं था सूं दूर नहीं हूं। मैं इस प्रदेश से जीवन के अंतिम सांस तक दूर नहीं रहने वाला हूं। चाहे कोई जिम्मेदारी हो, चाहे कुछ भी करूं। मेरे जेहन के अंदर जिस प्रदेश के अंदर पैदा हुआ, जहां के हालात मैंने बचपन से देखे, उससे दूर नहीं रहने वाला। गहलोत बारां जिले के अंता में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

गहलोत के इस बयान को राजस्थान की राजनीति में लगातार सक्रिय रहने से जोड़कर देखा जा रहा है। गहलोत ने प्रदेश से लगातार जुड़े रहने की बात कहकर विरोधियों को साफ संकेत दिया है। पिछले कई दिनों से कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अशोक गहलोत के नाम की चर्चाएं हैं। गहलोत खुद के नाम से इनकार कर रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने यह लाइन ले ली है कि हाईकमान जो ​कहेंगी वह करेंगे।

नाराज नेताओं को गहलोत की नसीहत
सरकार और पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं की बयानबाजी पर गहलोत ने कहा ​कि डेमोक्रेसी में कुछ तो बोलना पड़ता है। हर नेता अपनी राजनीति करता है, वह बोलेगा ही, लेकिन मेरा कहना है कि लक्ष्मण रेखा नहीं लांघे। मैं पीसीसी अध्यक्ष था उस वक्त भी बोला और अब भी कह रहा हूं कि खुद को नुकसान हो जाए तो पार्टी रिपेयर कर देगी। अगर पार्टी को नुकसान हो गया तो फिर रिपेयर नहीं होगा।

हाईकमान जो कहेंगी वह ​करूंगा
गहलोत ने दो दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। दिल्ली में सोनिया से मुलाकात के बाद से गहलोत के बयानों की चर्चा है। गहलोत ने कई नेताओं के उनके नाम की पैरवी करने के सवाल पर कहा कि मैं लोगों का शुक्रगुजार हूं। जिन्होंने मुझ पर इतना विश्वास है। अब भी हम लगातार कोशिश करेंगे कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद स्वीकार कर लें, हम आखिर तक राहुल गांधी को मनाने का प्रयास करेंगे। हाईकमान जो कहेंगी वह करूंगा।

गहलोत के बयान के सियासी मायने
दिल्ली दौरे के बाद गहलोत के बयानों में कुछ बदलाव आया है। गहलोत अब कांग्रेस अध्यक्ष की दावेदारी से साफ इनकार नहीं कर रहे हैं। हाईकमान के अनुसार काम करने, कहीं भी रहने के बावजूद अंतिम सांस तक राजस्थान नहीं छोड़ने के बयान को उसी लाइन का माना जा रहा है। पहले गहलोत ने पिछले सप्ताह साफ इनकार किया कि अध्यक्ष पद पर उनका बनता नहीं है और वे इनकार करेंगे, लेकिन अब दो दिन से उनके बयानों में बदलाव आया है।

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