नारायण उपाध्याय,ब्यूरो हैड एक्सक्लुसिव रिपोर्ट
बीकानेर@जागरूक जनता। बीकानेर में इन दिनों बालश्रम उन्मूलन विभाग की लगातार छापेमारी की जा रही है। जिसमे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चो को औद्योगिक संस्थानो से बालश्रम से मुक्त कराया जा रहा है। हाल ही में खारा औद्योगिक क्षेत्र स्थित फेक्ट्री में बालश्रम विभाग के आकस्मिक निरीक्षण में 12 नाबालिगों को मौके से पकड़ा है। विभाग ने इस फेक्ट्री मालिक पर जामसर थाना पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी । अब भला फेक्ट्री मालिक का इसमे कितना दोष है? पर्दे के पीछे जाकर असली तस्वीर कौन देखे और कौन समझे ? यह तमाम सवाल है जिसकी तह तक जाकर समझना होगा। लेकिन एक बात तो तय है कि इस कार्रवाइयों के बाद इन फैक्ट्रियों में काम करने वाली मजदूर महिलाओं के आगे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। एक महिला मजदूर ने रोते हुए अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि उसके पति की मौत हो चुकी है,घर मे एक बेटी है और कमाने वाला और कोई नही है। ऐसे में वह मेहनत मजदूरी करके अपना घर चलाती है। घर मे नाबालिग बेटी को अकेले किस के भरोसे छोड़ कर काम धंधे पर जाए, यह समझ से परे है, कहते हुए फिर से रोने लगती है। इस तरह के कई अनगिनत मामले होंगे । अब जब प्रशासन बालश्रम पर सख्त हो गया तो जाहिर सी बात है औद्योगिक संस्थान ऐसे किसी नाबालिग को अपने परिसर में प्रवेश नही देगा । ऐसे में मजदूरी कर गुजारा बसर करने वाली महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है । एक सवाल तो यंहा भी बनता है कि कितने सरकारी कार्यालयों में नियमों की पालना होती है? यह किसी से छुपा हुआ नही है। तो वंही जब कोई अपनी रोजी -रोटी व सुरक्षा के लिए जुगाड़ करता है तो उस पर कार्रवाई होती है। बालश्रम विभाग एंव जिला प्रशासन को ऐसे मामलों में मानवीय संवेदना दिखानी चाहिए । अगर नही तो ऐसे परिवारों के लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगे ताकि कोई दो वक्त की रोटी और सुरक्षा के लिए किसी के आगे गिड़गिड़ाता नही रहे।
बीकानेर में यह कैसी मानवीयता? दो वक्त की रोटी व सुरक्षा के लिए कर रहे जुगाड़,जबकि प्रशासन कर रहा कार्रवाई!
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