जयपुर। सांभर झील के संरक्षण, संवर्धन एवं एकीकृत प्रबंधन के लिए गठित सांभर लेक मैनेजमेंट एजेंसी की एग्जीक्यूटिव बॉडी की पहली बैठक सोमवार को यहां शासन सचिवालय के मुख्य भवन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की संयुक्त सचिव मोनाली सेन ने की।
बैठक में प्रदेश के पर्यटन विभाग, वन विभाग, पर्यावरण विभाग, पशुपालन विभाग ,जल संसाधन विभाग, खान विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग सहित अन्य विभागों के प्रतिनिधि अधिकारियों ने भाग लिया। संयुक्त सचिव मोनाली सेन ने सभी उपस्थित अधिकारियों से झील के संरक्षण, संवर्धन में आ रही बाधाओं व समस्याओं के बारे में उनका अनुभव व मत जाना। अधिकारियों ने समस्याओं के बारे में विस्तार से बताते हुए अपने सुझाव सामने रखे।
बैठक में टूरिस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने, क्षे़त्र में आने वाले पक्षियों की सुरक्षा के लिए रेस्क्यू सेन्टर बनाने, संरक्षण हेतु चैकपोस्ट, बैरियर लगाने इत्यादि कार्यों का निर्णय लिया गया तथा इस सम्बन्ध में सभी उपस्थित विभागों के प्रतिनिधियों से शीघ्र ही प्रस्ताव बना कर देने को कहा गया। सेन ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ग्रास लैंड एवं वेटलैंड विकास के विभिन्न कार्यों के लिए 50 करोड़ रुपए की वित्तीय राशि स्वीकृत की है जिसमें, वेटलैण्ड के विकास एवं प्रबंधन के लिए 9 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह राशि पर्यावरण प्रबंधन कोष से उपलब्ध कराई जाएगी। बैठक में सांभर झील के सम्बन्ध में पर्यावरण विभाग के उपनिदेशक श्री राकेश माथुर द्वारा प्रेज़ेन्टेशन दिया गया।



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