नगर निगम ग्रेटर के पार्षदों के साथ संवाद
जयपुर। जिला कलक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा ने जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज के सभी पार्षदों से 1 अप्रेल के बाद 45 वर्ष से अधिक उम्र के अधिक से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीनेशन से लाभान्वित करने के कार्य में सहयोग का आग्रह किया है। उन्होंने इस कार्य में जिला प्रशासन की सहायता कर सर्वाधिक व्यक्तियों का वैक्सीनेशन करवाने वाले वार्ड को पुरस्कृत करने घोषणा की। उन्हाेंने कहा कि कोविड का वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और कोविड को हराने के लिए इसके प्रति पूर्वाग्रह और भ्रान्तियां दूर कर जिले में भी कोविड वैक्सीनेशन को जन आन्दोलन बनाना होगा।
श्री नेहरा शनिवार को नगर निगम ग्रेटर में वार्ड संख्या 101 से 150 तक के पार्षदों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले गुरूवार और शुक्रवार को वे नगर निगम गे्रटर एवं हैरिटेज के 200 पार्षदों के साथ संवाद कर यह आग्रह कर चुके हैं। शनिवार पूर्वान्ह हुए इस संवाद में श्री नेहरा ने कहा कि शहर में पर्याप्त संख्या में दिवसवार सैम्पलिंग सेंटर्स बनाए गए हैं जो सभी क्षेत्रों को कवर करते हैं। उन्होंने कोरोना लक्षणों वाले व्यक्तियों के सैम्पलिंग भी अधिक से अधिक करवाने की पार्षदों से अपील की। उन्हाेंंने कहा कि सैम्पलिंग से कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोककर किसी भी स्थल को हॉट स्पॉट बनने से रोका जा सकेगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि पूरे जिले में 300 वैक्सीनेशन सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। एक वैक्सीनेशन सेंटर पर औसतन कम से कम 200 लोगों के वैक्सीनेशन के लिए आने की अपेक्षा है लेकिन अभी यह औसत बहुत ही कम आ रहा है। इसी कारण जयपुर अन्य जिलों की अपेक्षा काफी निचले पायदान पर है। एक अप्रेल से 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों के कोविड वैक्सीनेशन का लक्ष्य है। पात्र व्यक्तियों की संख्या जयपुर में 20 लाख से अधिक है। जिले में ज्यादातर जनसंख्या के शहर में निवास करने के कारण पार्षदों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। क्योंकि यदि 50 हजार लोगोें को भी एक दिन में वैक्सीनेशन हो तो भी 40 दिन इस कार्य में लगते हैं जबकि अभी सभी प्रयासों से औसत 15-20 हजार का ही आ रहा है। ऎसे में इस कार्य को जनआन्दोलन बनाना ही होगा। इसमें सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित और अपरिहार्य है।
श्री नेहरा ने कहा कोरोना की दूसरी लहर के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और वैक्सीनेशन, जागरूकता और कोरोना प्रोटोकॉल की पालना ही इससे बचाव है। लॉकडाउन इससे बचाव का कोई विकल्प नहीं है। अब जब सब कुछ खुल चुका है, वैक्सीनेशन और प्रोटोकॉल की पालना बहुत जरूरी है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए कई स्तर पर आईईसी, समझाइश जारी है, लेकिन जनप्रतिनिधियों का सहयोग सबसे अहम है क्योंकि उनकी पहुंच हर कॉलोनी, मोहल्ले और घर-घर तक है। उन्होंने कहा कि जिस किसी वार्ड में 200 से अधिक लोग कोविड वैक्सीनेशन के लिए इच्छुक होंगे वहां विशेष शिविर लगा दिया जाएगा।
उप महापौर श्री पुनीत कर्नावट ने सभी पार्षदाें द्वारा इस कार्य में सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि जनसेवक, जनप्रतिनिधि और स्थानीय पार्षद के नाते कोविड वैक्सीनेशन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। लोग उनकी बात सुनते हैं और इस सम्बन्ध में भ्रान्तियां दूर करने में भी वे बहुत अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होेंने सभी पार्षदों का आह्वान किया कि जयपुर में कोई भी पात्र व्यक्ति कोविड टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। पार्षदगण का यह सहयोग कोविड के विरुद्ध एक प्रोटेक्शन शील्ड साबित होगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम ने कहा कि पिछले एक साल में सभी ने मिलकर कोरोना को नियंत्रित किया और इस दौरान मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं संसाधनों में उल्लेखीय बढोतरी हुई लेकिन अब फिर लापरवाही के कारण दूसरी लहर सामने है। अगर यह लापरवाही जारी रही और मास्क, सेनेटाजर, सोशल डिस्टेंसिंग जैसी आधारभूत सावधानियां नहीं रखीं तो इस बार मामले पिछले साल के उन्हीं महीनों के मुकाबले बढ सकते हैंं।
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पार्षदों को कोरोना, इससे बचाव एवं प्रबन्धन की जानकारी दी। बड़ी संख्या में पार्षदों ने कोविड वैक्सीनेशन प्रति अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस संवाद में अतिरिक्त जिला कलक्टर चतुर्थ श्री अशोक कुमार एवं अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम ग्रेटर श्री बृजेश चांदोलिया भी शामिल हुए।