परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा के महत्व एवं आवश्यकता को देखते हुए परिवहन विभाग का नाम अब ‘‘परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग’’ किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। खाचरियावास ने शुक्रवार को यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी आरटीओ, डीटीओ के साथ सड़क सुरक्षा, विभागीय राजस्व अर्जन लक्ष्यों एवं अन्य विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी।
जयपुर@जागरूक जनता। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा के महत्व एवं आवश्यकता को देखते हुए परिवहन विभाग का नाम अब ‘‘परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग’’ किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। खाचरियावास ने शुक्रवार को यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी आरटीओ, डीटीओ के साथ सड़क सुरक्षा, विभागीय राजस्व अर्जन लक्ष्यों एवं अन्य विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी।
परिवहन मंत्री ने बताया कि राज्य में विकास कार्यों के लिए राजस्व संग्रहण का बड़ा हिस्सा परिवहन विभाग से आता है। कोरोना के कारण गाडियां कम बिकने एवं अन्य कारणों से कर संग्रहण का कार्य कुछ धीमा हुआ है लेकिन समीक्षा बैठक में सभी आरटीओ, डीटीओ को राजस्व संग्रहण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैंं।
खाचरियावास ने कहा कि वर्तमान में प्रदेशभर में सड़क सुरक्षा माह चलाया जा रहा है जिसके अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियां जारी हैं। यह आमजन की सुरक्षा एवं सरकार के लिए प्राथमिकता का विषय है। पिछले वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं में 19 प्रतिशत की कमी आई है लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में और प्रभावी कमी के लिए सेल्फ डिसिप्लेन के साथ ही सभी को सम्मलित प्रयास भी करने होेंगे। राज्य सरकार इसीलिए विभाग के नाम को ‘‘परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग’’ करने की दिशा में आगे बढ रही है।
उन्होंने बताया कि एनएचआई की ओर से टोल वसूलने वाली एजेंसियों को विभाग के आरटीओ, डीअीओ द्वारा नोटिस दिए गए हैं एवं पैनल्टी लगाई गई है एवं केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को भी सड़क सुरक्षा खामियों एवं हाईवे की खामियों के बारे में नाराजगी जाहिर की गई है।
खाचरियावास ने बताया कि रोड सेफ्टी काउंसिल की बैठक में यह निर्णय किया जा चुका है कि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को कम करने के लिए आवश्यकतानुसार नई एम्बुलेंस की खरीद, विभाग द्वारा ब्लैक स्पॉट ठीक कराना जैसे काम किए जा सकेंगे। सड़कों के खड्डे भरवाए जाएंगे एवं ऎसी बेरिकेडिंग करवाई जाएगी जिससे जानवर ऊपर आकर दुर्घटना का कारण नहीं बन सकें। इसी तरह स्पीड लिमिट के लिए रोड सेफ्टी काउंसिल से ऎसे कैमरे लगाए जाएंगे जिनसे स्पीड लिमिट उल्लंघनकर्ता के मोबाइल पर अपने आप चालान पहुंच जाएगा।
वीडियो कांफ्रेंस में परिवहन आयुक्त एवं शासन सचिव रवि जैन जोधपुर से शामिल हुए। राज्य सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राजेश कुमार सिंह, अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन आकाश तोमर, अपर परिवहन आयुक्त नियम आर.सी.यादव, अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा हरीश कुमार एवं परिवहन विभाग के अन्य कई अधिकारी इस वीसी में मौजूद थे।
सड़क दुर्घटना के घायलों को मिले त्वरित इलाज, अस्पताल पहुंचाने वाले होंगे सम्मानित
परिवहन मंत्री ने निर्देश दिए कि डीटीओ हाईवे पर स्थित अस्पतालों, डिस्पेंसरियों में जाकर देखें कि वहां सड़क दुर्घटना में घायलों को त्वरित इलाज के लिए किन संसाधनों की आवश्यकता है। एम्बुलेंस की आवश्यता हो तो बताएं, रोड सेफ्टी कौंसिल से इसे उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने सभी आरटीओ, डीटीओ को कहा कि वे भी इस बात का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें कि सड़क दुर्घटना के घायलों को अस्पताल लेकर आने वाले से कोई पूछताछ नहीं की जाएगी। ऎसे लोगो को सम्मानित भी किया जाएगा। इसे लेकर जगह-जगह पोस्टर लगाए जाएं एवं मुख्यालय से भी विज्ञापन जारी किए जाएंगे।
बसों से हटवाएं लगेज
परिवहन मंत्री ने सभी आरटीओ, डीटीओ को निर्देश दिए कि बसों की छतों पर लगेज रखने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाई जाए। ऎसे बस चालकों की समझाइश की जाए। उन्होंने तूड़ी भरकर ओवरलोड एवं बेडौल तरह से चलते हुए स्वयं एवं दूसरे वाहनों के लिए खतरा बनने वाले ट्रेक्टर एवं अन्य वाहनों को भी रोकने एवं चालकों की समझाइश करने के लिए कहा।
हर जिले में बनेगा ट्रेफिक पार्क
खाचरियावास ने बताया कि हर जिले में ट्रेफिक पार्क स्थापित करने के लिए जमीन चयनित करने के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही परिवहन कार्यालयों में जहां भी जमीन उपलब्ध हो, ट्रेफिक पार्क स्थापित किए जाने चाहिए। खासकर जहां लाइसेंस प्रदान किया जाता है वहां ट्रेफिक पार्क एवं परिवहन एवं सड़क सुरक्षा नियमों का प्रदर्शन किए जाने के निर्देश दिए गए हैंं।