बच्चे ने खेलने के दौरान मूर्ति को निगल लिया था. इसके बाद उसकी छाती में दर्द होना शुरू हो गया और लार तक निगलने में परेशानी होने लगी थी
बेंगलुरु. कर्नाटक के बेंगलुरु में एक तीन साल के बच्चे ने लगभग 5 सेंटीमीटर की लंबाई वाले भगवान गणेश की मूर्ति को निगल गया, लेकिन समय पर इलाज होने के चलते उसे बचा लिया गया. तीन साल के बसावा को बीते शुक्रवार ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर स्थित मनिपाल हॉस्पिटल में ले जाया गया. बच्चे ने खेलने के दौरान मूर्ति को निगल लिया था. इसके बाद उसकी छाती में दर्द होना शुरू हो गया और लार तक निगलने में परेशानी होने लगी थी. पहले उसका एक्स-रे कराया गया, जिसमें दिखा कि मूर्ति आखिर किस हिस्से में फंसी हुई है.
डॉक्टरों ने इसे निकालने के लिए एक फ्लेक्सिबल एंडोस्कोपिक दृष्टिकोण का सहारा लिया. उसे एक घंटे के भीतर एंडोस्कोपिक के लिए ले जाया गया और फिर बेहोश करने के बाद उसके शरीर से मूर्ति को सुरक्षापूर्वक निकाल लिया गया. इसके तीन घंटे बाद बच्चे को खाना खिलाने की अनुमति दी गई. बच्चे ने भी इस दौरान काफी बहादुरी दिखाई और बिना किसी दर्द के शिकायत के अपने इलाज में चिकित्सकों को पूरा योगदान दिया. इसके बाद शाम तक उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.
पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. श्रीकांत केपी ने बताया कि ‘मूर्ति से इसोफेगस (खाने की नली) में चोट लग गई होगी. इससे छाती में संक्रमण सहित अन्नप्रणाली में छेद होने की भी संभावना है. इसके अलावा, बच्चे को कुछ भी निगलने में काफी परेशानी हो रही थी, जिससे आगे चलकर और भी कई दिक्कतें आ सकती थीं.’
ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर बसे मनिपाल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. मनीष राय ने कहा कि ‘पीडियाट्रिक इमरजेंसी में बच्चे को लाए जाने के तुरंत बाद ही उसका इलाज बिना देर किए शुरू कर दिया गया. सभी आवश्यक जांच किए जाने के बाद बच्चे को तुरंत ऑपरेटिंग थिएटर में ले जाया गया और वहां एनेस्थीसिया और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की हमारी टीम ने तुरंत कार्रवाई की और बच्चे को बचाने में सफल रहे.’