-नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता । जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूरी पर स्थित लूणकरणसर क्षेत्र में शेरेरा व रानीसर के बीच वाली सड़क अपने विकास का सालों से रोना रो रही है, लेकिन मजाल है इस और किसी का ध्यान गया हो, ताज्जुब की बात तो यह है कि इस रोड़ से अधिकारियों व नेताओ की गाड़ियां धूल के गुबारें उड़ाते हुए निकलती है, पर विकास के बड़े बड़े दावे करने वाले नेताजी और सरकारी नुमाइंदे कागजी फाइलों में यंहा की तस्वीरें हकीकत से कंही बेहतर बताते है । शायद यही कारण है कि वर्षो पुरानी इस समस्या का कोई समाधान नही हुआ ।
तहसील सवांददाता शिवरतन सारस्वत को यंहा के वाशिदों ने बताया कि इस सड़क की हालत बरसात के दिनों में मजेदार सी हो जाती है जंहा कम्प्यूटर गेम की तरह बारिश के समय गड्ढो में सड़कों को ढूंढना पड़ता है, अगर थोड़ा संभल कर नहीं चला जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है । ग्रामीणों के अनुसार रोजाना सड़क पर चलने वालों को कमर दर्द की परेशानी हो गई है । सड़कों की दुर्दशा के चलते इस रोड से गुजरने वाले राहगीरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है । ग्रामीणों ने नेताओ और अफसरशाही पर गुस्सा जताते हुए कहा कि आमतौर पर यह रास्ता 8 से 10 मिनट का है लेकिन नेताओं की कृपा से इसमें 35 से 40 मिनट का समय लगता है ।
ग्रामीणों के अनुसार चुनाव के समय स्थानीय विधायक जी ने वादा किया था कि सड़क को बना दिया जाएगा। लेकिन अफसोस नेताजी के वादे सिर्फ चुनावी प्रोपगेंडा रहे , सारे वादे धरे के धरे रह गए। ग्रामीणों ने तंज कसते हुए कहा जनता को विधायक जी से बहुत उम्मीदें थी लेकिन यहां पर विधायक जी जनता की उम्मीद पर खरे उतरते नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में अब देखना यह होगा कि आखिर विधायक जी व सरकार के नुमाइंदे कब इस सड़क की सुध लेते है ??