जन्म विकार से जुड़े रोगों और उपचार हेतु शोध और अनुसंधान के साथ जागरूकता का प्रसार हो – राज्यपाल

महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा जन्मजात विकार रोग एवं उपचार पर छठी अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित, टीबी और कैंसर रोगों के लिए भी अभियान चलाकर कार्यवाही हो

जयपुर। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने जन्म विकार से जुड़े रोगों और उनके उपचार के लिए वैश्विक शोध और अनुसंधान के साथ जागरूकता का प्रसार किए जाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में अनुमानित 6 प्रतिशत बच्चे जन्मजात विकार के साथ पैदा होते हैं। इससे सैकड़ों हज़ारों मौतें होती हैं। इस संबंध में देशभर में अभियान चलाकर कार्यवाही किए जाने की जरूरत है।

श्री बागडे गुरुवार को महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा “राइजिंग राजस्थान” के आलोक में जन्मजात विकार की छठी अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहला सुख निरोगी काया है। काम करें, धन कमाएं पर शरीर स्वस्थ रखने के लिए योग व्यायाम भी करें ताकि शरीर स्वस्थ रहे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहेंगे तभी दूसरे सुख भोग पाएंगे।

राज्यपाल ने कहा कि तेजी से आगे बढ़ते राजस्थान में नए उभरते रोगों की पहचान के साथ उनके उपचार में भी हम अग्रणी बने। उन्होंने पोलियो और दूसरे रोगों पर पाई विजय की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान में टीबी और कैंसर रोगों के लिए भी अभियान चलाकर कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कैंसर रोगियों की पहचान हेतु इनके पंजीयन की व्यवस्था कर रोग पहचान के साथ प्रभावी उपचार हेतु कार्य हो।
उन्होंने व्यसन मुक्ति के लिए भी अभियान चलाने और आधुनिक खान पान से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के उपचार के लिए भी सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने पर जोर दिया।

आरंभ में प्रख्यात चिकित्सक डा. धर्मेंद्र कुमार ने आनुवांशिकी रोगों, जीन थेरपी और अन्य चिकित्सकीय विषयों पर अपने विचार रखे। विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. एम. एल. स्वर्णकार ने विश्वविद्यालय में विरल बाल रोगों के उपचार के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए भारत सरकार से “सेंटर ऑफ एक्सीलेंसी” की अनुशंषा किए जाने का आह्वान किया। संगोष्ठी के संयोजक डा. अशोक गुप्ता ने जन्मजात विकारों से जुड़े चिकित्सकीय पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। डा. अचल गुलाटी और महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति डा. विकास स्वर्णकार ने आयोजन के महत्व के बारे में बताया।

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