कोरोना महामारी के बाद प्रदेश में पहली बार विधानसभा उप चुनाव होेने हैं। भारत निर्वाचन आयोग और निर्वाचन विभाग प्रदेश में ‘सुरक्षित‘ उप चुनाव के लिए पहली बार ऐसे नवाचार करने जा रहा है, जो प्रदेश ही नहीं देश में भी अपने तरह की अनूठी मिसाल होगी।
जयपुर @ जागरूक जनता। कोरोना महामारी के बाद प्रदेश में पहली बार विधानसभा उप चुनाव होेने हैं। भारत निर्वाचन आयोग और निर्वाचन विभाग प्रदेश में ‘सुरक्षित‘ उप चुनाव के लिए पहली बार ऐसे नवाचार करने जा रहा है, जो प्रदेश ही नहीं देश में भी अपने तरह की अनूठी मिसाल होगी। निर्वाचन विभाग के मुखिया और मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता का मानना है कि कोरोना काल में चुनाव करवाना बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है लेकिन आयोग द्वारा नवाचार करते हुए कुछ ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जिनसे आगामी चुनाव पूर्णतया ‘सुरक्षित‘ और निष्पक्ष तरीके से संपादित किए जा सकेंगे।
उम्मीदवारों को मिलेगा ऑनलाइन नामांकन का भी विकल्प
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उप चुनाव में कोरोना को देखते हुए उम्मीदवारों को ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन नामांकन का भी विकल्प दिया गया है। प्रार्थी घर बैठे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किए वेबपोर्टल encore.eci.gov.in और मोबाइल Encore एप पर जाकर नामांकन दर्ज करवा सकेंगे और शपथ पत्र भी ऑनलाइन दे सकेंगे। इसमें प्रार्थी केवल एपिक कार्ड नंबर डालने भर से उम्र, पता, भाग संख्या सहित सभी जानकारी स्वत ही भर जाएगी और किसी भी तरह की त्रुटि होने की आशंका शून्य हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सुविधा से प्रत्याशी मनचाहा टाइम स्लॉट भी चुन सकेंगे, चुने गए टाइम स्लॉट पर प्रत्याशी रिटर्निंग ऑफिसर कार्यालय में जाकर मूल दस्तावेज जमा करवा सकेंगे। साथ ही ई-ग्रास पोर्टल के जरिए जमानत राशि का चालान भी करवाया जा सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हाल ही बिहार चुनाव में यह प्रयोग किया गया था। अब राजस्थान में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशियों को यह सुविधा मिलने जा रही है। उन्होंने बताया कि कोविड के मद्देनजर यह प्रयोग प्रत्याशियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने बताया कि चुनाव की घोषणा के साथ ही एन कोर एक्टीवेट होगा और प्रत्याशी इस सुविधा का उपयोग कर पाएंगे।
चुनाव को सहज बनाने के लिए होगा आईटी का इस्तेमाल
प्रदेश में हो रहे उप चुनाव में रियल टाइम वोटर टर्न आउट जानने के लिए ‘बूथ एप‘ का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक मतदाता को वोटर पर्ची स्कैन हो सकेगी, जिससे चुनाव का रियल टाइम वोटर टर्न आउट का पता चल सकेगा। उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए इस चुनाव में सी-विजिल एप का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें कोई मतदाता आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी किसी भी शिकायत का समाधान 100 मिनट में किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इन विधानसभाओं के संवदेनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग भी करवाई जाएगी। इसमें सीईओ कार्यालय द्वारा उन मतदान केंद्रों की लाइव मॉनिटरिंग भी की जा सकती है।
भीड़ के नियोजन के लिए तीसरी पंक्ति की शुरुआत
श्री प्रवीण गुप्ता ने बताया कि अमूमन मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर महिला व पुरुष की केवल दो पंक्तियों का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इस बार के उपचुनाव में कोरोना को देखते हुए मतदाताओं को तीसरी पंक्ति भी नजर आएगी, जिसमें सीनियर सिटीजन और दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे ना केवल मतदान के प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी बल्कि मतदाता कोविड गाइडलाइन के अनुसार भी मतदान कर सकेंगे।
बुजुर्ग और दिव्यांगों को मिला पोस्टल बैलेट का विकल्प
मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि विभाग के प्रयास हैं कि कोरोना काल में ज्यादा से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें। इसके प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में पोस्टल बैलेट का विकल्प भी 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, कोरोना संदिग्ध, क्वारंटीन और 40 फीसद से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को दिया जाएगा। गौरतलब है कि पोस्टल बैलेट से मतदान केवल सैन्य बल, पुलिस बल व ऐसे मतदाता कर सकते थे कार्मिक कर सकते थे, जो मतदान के समय बाहर तैनात रहते हैं या ड्यूटी देते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे मतदाताओं से पोलिंग पार्टी और पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट द्वारा दोनों में से एक विकल्प चुनने की सहमति ली जाएगी। एक बार पोस्टल बैलेट का विकल्प चुनने के बाद मतदाता मतदान केंद्र पर आकर अपना वोट नहीं डाल सकेगा। चारों विधानसभा क्षेत्रों में 80 वर्ष से ज्यादा उम्र के 29 हजार 500 और 9 हजार 600 से ज्यादा दिव्यांग मतदाता हैं।
कोरोना से बचाव के लिए नामांकन से लेकर मतदान और मतगणना तक कड़ाई
निर्वाचन विभाग ने कोरोना महामारी के प्रसार को देखते हुए नामांकन से लेकर मतदान और मतगणना तक के लिए विशेष प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देश जारी किए हैं। श्री गुप्ता का मानना है कि इस बार के उप चुनाव अन्य चुनाव के मुकाबले काफी अलग होंगे। जहां नामांकन पत्र भरने के दौरान केवल दो व्यक्ति अभ्यर्थी के नोमीनेशन में साथ रहेंगे तथा केवल दो वाहन ही अनुमत होंगे। वहीं डोर टू डोर अभियान के लिए भी प्रत्याशी सहित 5 आदमी ही जा सकेंगे। वहीं अधिकतम 5 वाहनों का काफिला अनुमत है। दो काफिलों के बीच 30 मिनट का अन्तराल भी सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। मतगणना के दौरान भी केवल 7 टेबल प्रति मतगणना हॉल तय किया गया है। उन्होंने बताया कि रैली, जुलूस भी जिला निर्वाचन अधिकारी अनुमत स्थानों और चिन्हित गोलों पर बैठकर ही किए जा सकेंगे।
मतदान केंद्रों की संख्या 45 फीसद तक बढ़ाई, ताकि ना हो कोरोना का प्रसार
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन विभाग ने कोरोना महामारी को देखते हुए मतदान दिवस पर मतदान केंद्रों पर भीड़ को सुनियोजित करने के लिए पहली बार चारों विधानसभा क्षेत्रों में में 1000 से ज्यादा संख्या वाले मतदान केंद्रों की संख्या में करीब 45 प्रतिशत का इजाफा किया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिलों में मतदान केंद्रों के लिए योजना बनाकर उनमें बढ़ोतरी कर दी ताकि किसी भी संक्रमण का फैलाव नहीं हो सके। जहां सभी विधानसभाओं में कुल 1074 मतदान केंद्र थे, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर उन्हें अब बढ़ाकर 1529 कर दिया गया है। उनका मानना है कि यदि मतदान केंद्रों पर भीड़ कम होगी तो मतदाता आसानी से मतदान का इस्तेमाल कर सकेंगे।
कोरोना को देखते हुए स्टार प्रचारकों की संख्या में की कमी
श्री गुप्ता ने बताया कि कोरोना को देखते हुए उम्मीदवारों के लिए आने वाले स्टार प्रचारकों की सीमा को भी नियंत्रित किया गया है। जहां राष्ट्रीय या प्रादेशिक दलों की संख्या को 40 से कम कर 30 किया गया है, वहीं अन्य राजनैतिक दल 20 के मुकाबले केवल 15 स्टार प्रचारकों को प्रचार के लिए बुला सकेंगे। इसके अलावा प्रचारकों की सूची भी चुनाव की अधिघोषणा के 10 दिवस में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को साैंपनी होगी। इस उपचुनाव में कोरोना की वजह से होने वाले अतिरिक्त खर्चे को देखते हुए उम्मीदवारों की खर्च सीमा को भी 28 लाख से बढ़ाकर 30.80 लाख किया गया है।