
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने मंगलवार को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसवीपीयूएटी), मेरठ में उत्तर प्रदेश एग्रीटेक इनोवेशन हब और एग्रीटेक स्टार्टअप तथा टेक्नोलॉजी शोकेस का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। धर्मेंद्र प्रधान ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को समय की बदलती जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए बधाई दी और कहा कि इससे भारतीय किसानों को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि विकसित गांवों और समृद्ध किसानों के बिना विकसित भारत की परिकल्पना अधूरी है और यह पहल उस दिशा में एक सार्थक और ऐतिहासिक कदम है।
प्रधान ने देशभर में प्रौद्योगिकी आधारित कृषि नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत हाल ही में केंद्रीय बजट में ‘उत्कृष्टता केंद्र’ की स्थापना की घोषणा की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ भारत के कृषि क्षेत्रों तक पहुंचे।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि उत्कृष्टता केंद्र के रूप में “कृषि में एआई” पर काम करने के लिए आईआईटी रोपड़ को सौंपी गई जिम्मेदारी इस एग्रीटेक इनोवेशन हब के निर्माण में बदल गई है। मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की आत्मा उसके खेतों और खलिहानों में बसती है। उन्होंने कहा कि हालांकि देश में सेवाक्षेत्र वैश्विक मानकों पर पहुंच गया है, लेकिन भारत की समृद्धि का मूल आधार अभी भी इसकी कृषि भूमि में निहित है। उन्होंने कहा कि किसानों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री के सपने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में साकार किया जा रहा है। प्रधान ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार के संगम से राज्य अब नई ऊर्जा प्राप्त कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि एग्रीटेक इनोवेशन हब उत्तर भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को नई दिशा और गति प्रदान करेगा।
वहीं, जयंत चौधरी ने ग्रामीण युवाओं और किसानों को कृषि तकनीक से प्रेरित प्रगति के नए युग को अपनाने के लिए सशक्त बनाने में हब के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने परंपरा को प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि असली बदलाव तब शुरू होता है जब नवाचार मिट्टी में जड़ें जमा लेता है। उन्होंने कहा कि आईआईटी रोपड़ की गहन तकनीक विशेषज्ञता द्वारा समर्थित मेरठ में एग्रीटेक इनोवेशन हब सिर्फ एक परियोजना नहीं है, यह हमारे किसानों को कृषि अग्रदूत के रूप में सशक्त बनाने का एक आंदोलन है।
चौधरी ने यह भी कहा कि एक सुविधा से अधिक यह एक सहयोगी इकोसिस्टम है जहां किसान, शोधकर्ता और स्टार्टअप भविष्य के लिए टिकाऊ और स्केलेबल कृषि-समाधान बनाने के लिए एक साथ आते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आखिरकार तकनीक तभी सार्थक होती है जब वह उस जमीन में निहित रहती है जिसे वह ऊपर उठाना चाहती है।