सूरत। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे गुजरात चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को सूरत के ओलपाड और नर्मदा के देडियापाड़ा में रैली की थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है। गुजरात में प्रचार के लिए पहुंचे खड़गे ने रविवार को सूरत की रैली में खुद को अछूत और प्रधानमंत्री को झूठों का सरदार बताया। खड़गे ने कहा- प्रधानमंत्री खुद को गरीब कहते हैं, लेकिन मुझसे बड़ा गरीब कौन होगा, मैं तो अछूत हूं।
खड़गे ने सूरत की सभा में जो कुछ कहा, उसे हम ज्यों का त्यों यहां पेश कर रहे हैं। खड़गे बोले, “आपके जैसा आदमी, जो हमेशा क्लेम करते हैं, मैं गरीब हूं। अरे भाई, हम भी गरीब हैं। हम तो गरीब से गरीब हैं। हम तो अछूतों में आते हैं। कम से कम तुम्हारी चाय तो कोई पीता है, मेरी चाय भी नहीं पीता कोई। और फिर आप बोलते हैं- मैं गरीब हूं। मेरे को किसी ने गालियां दीं, मेरी तो हैसियत क्या है।”
झूठों के सरदार हैं और कहते हैं देश को कांग्रेस ने लूटा
खड़गे ने कहा, “मोदी और शाह पूछते हैं कि कांग्रेस ने पिछले 70 सालों में क्या किया? अगर 70 साल में काम नहीं करते, तो हम आज लोकतंत्र नहीं पाते। ऐसी बात कह-कहकर अगर आप सहानुभूति पाने की कोशिश करें तो लोग अब होशियार हो गए हैं, उतने बेवकूफ नहीं हैं। एक बार चलता है, एक बार अगर झूठ बोलेंगे तो सुन लेंगे। दो बार भी बोलेंगे तो भी सुन लेंगे। कितने बार बोलेंगे, झूठ पर झूठ। ये झूठों के सरदार हैं। और उस पर कहते हैं ये देश को लूट रहे कांग्रेस वाले।”
गुजरात सरकार पर आरोप- अमीरों के साथ मिलकर लूट रहे हैं
खड़गे यहीं नहीं रुके, उन्होंने गुजरात की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आप गरीबों की जमीन लूट रहे हैं और आदिवासियों को जमीन नहीं दे रहे हैं। जमीन, पानी और जंगल कौन खत्म कर रहा है? आप अमीर लोगों के साथ मिलकर हमें लूट रहे हैं।’
गुजरात में बदलाव नहीं ला पाए, CM जरूर बदल दिया
सोमवार को भी चुनावी सभा में कांग्रेस अध्यक्ष ने फिर से BJP पर आरोप लगाए। खड़गे बोले, “गुजरात में बीजेपी के राष्ट्रीय नेता वार्ड-वार्ड घूम रहे हैं। 27 साल के शासन के बाद भी पीएम, गृहमंत्री और उनके अन्य राज्यों के सीएम यहां आ रहे हैं और लोगों को गुमराह करने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। इसके पीछे की वजह डर है। राज्य में बदलाव लाने के बजाय उन्होंने CM बदल दिया। छह साल में तीन सीएम बदले गए। इसका मतलब है कि उन्होंने राज्य में कोई काम नहीं किया।”