Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार दिया गया था।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें मदरसा एक्ट को असंवैधानिक करार दिया गया था। इस फैसले से उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों और शिक्षकों को राहत मिली है, क्योंकि इससे मदरसों की मान्यता और संचालन पर सवाल उठे थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मदरसा एक्ट को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन मानते हुए असंवैधानिक ठहराया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब मदरसों का संचालन पूर्ववत् जारी रह सकेगा।
हाईकोर्ट के फैसले को पलटा
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि मदरसा एक्ट संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है। इस फैसले से मदरसों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है और यह निर्णय मदरसा शिक्षा के संवैधानिक संरक्षण को भी मजबूत करता है।
17 लाख छात्रों को राहत
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के करीब 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसों को बड़ी राहत मिली है। अब ये मदरसे पूर्ववत तरीके से चलते रहेंगे और उनकी मान्यता पर कोई खतरा नहीं रहेगा। उत्तर प्रदेश में कुल लगभग 23,500 मदरसे हैं, जिनमें से 16,513 मदरसे रजिस्टर्ड और मान्यता प्राप्त हैं। इनमें से 560 मदरसे ऐसे हैं, जिन्हें सरकार की ओर से आर्थिक सहायता (एडेड) मिलती है। इसके अलावा, लगभग 8,000 मदरसे ऐसे भी हैं जो गैर-मान्यता प्राप्त हैं और वे बिना किसी सरकारी मान्यता के चलते हैं।