बताया जा रहा है कि भगदड़ में कई महिलाएं और बच्चे दब गई, जिससे उनकी मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे का संज्ञान लिया है।
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मच गई है। भगदड़ में करीब 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। एक सत्संग चल रहा था, जहां यह भगदड़ मची है। हाथरस के रतिभानपुर इलाके की घटना बताई जा रही है। बताया जाता है कि भोले बाबा के सत्संग का समापन कार्यक्रम चल रहा था और इस दौरान यह भगदड़ मची। इस भगदड़ में घायल लोगों को एटा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है। घटना में 200 से अधिक लोग घायल हैं।
बताया जा रहा है कि भगदड़ में कई महिलाएं और बच्चे दब गई, जिससे उनकी मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस हादसे का संज्ञान लिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में मा. मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी जी, श्री संदीप सिंह जी घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है। ADG, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
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एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि यह घटना हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे में हुई है। उन्होंने ही बताया एटा अस्पताल में अब तक 27 शव आ चुके हैं, जिनमें से 23 महिलाएं हैं, तीन बच्चे हैं और एक पुरुष है। अभी भी घायलों को अस्पताल लाया जा रहा है और शवों की पहचान की जा रही है।
घटना के चश्मदीदों के अनुसार वहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे आए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी हुई थी। जैसे ही सत्संग खत्म हुआ, लोग वहां से जाने लगे और इस दौरान भगदड़ मच गई। भगदड़ के दौरान लोग एक दूसरे को देख नहीं रहे थे और एक दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए। भगदड़ होते ही चारों ओर चीख पुकार मच गई।