अलवर। एक तरफ तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी है जो इन दिनों पूरे एक्शन में दिखाई दे रहे है वे अलवर जिले भर में अवैध अस्पतालों, झोलाछाप डक्टरों और फूडस विक्रेताओं पर शिकंजा कसे हुए है वहीं अलवर जिले के सबसे बडे सरकारी राजीव गांधी अस्पताल के पीएमओं सुनिल चौहान अपने अस्पताल तक को संभालने में नाकामयाब से साबित हो रहे है।
अलवर जिले के सबसे बडे राजीव गांधी अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही हद से ज्यादा बढी हुई वे अपने काम को अंजाम देने में कतराते है मरीज घंटों लाईन में बैठ कर चले जाते है उनकी ना तो सोनाग्राफी हो पाती है और ना ही एमआरआई आदि यहां तक कि मरीजों को एक्स-रे तक कराने में कई दिन लग जाते है लेकिन एक्स-रे नही होता इसका कारण रविवार को देखने को मिला जब अस्पताल के एक्स रे रूम में एक मरीज अपना दांत का एक्सरे करवाने के लिए गया तो वहां कर्मचारी लापता था। मरीज समय से पूर्व वहा लाईन में लगे हुए थे एक्स-रे कर्मचारी शशिकांत सुबह साढे नो बजे सीट छोडकर गायब हो गया मरीज इंतजार करते रहे करीब सवा दस बजे कर्मचारी लोटा और मरीजों से यह कह कर विदा कर दिया कि रविवार को दस बजे बाद एक्स-रे नही होता।
ऐसे में मरीजों को काफी असुविधा का समाना करना पड रहा है पीएमओ डाक्टर सुनील चौहान का कोई एक्शन अस्पताल के सुधार में नही आ रहा है लोग परेशान हो रहे कई बार जिला कलक्टर और मंत्री ने इस अस्पताल का औचक निरीक्षण भी किया और यहां अनेकों अनियमिता पाई गई लेकिन इतनी लापवाही सामने आने के बावजूद भी पीएमओं पर आज तक कोई सरकारी एक्शन नही हुआ
लोगों का कहना है एक समय ऐसा भी था जब डाक्टर प्रदीप गुप्ता पीएमओ थे उस समय किसी भी कर्मचारी कि हिम्मत नही थी कि वह ड्यूटी टाईम में गायब हो जाए लेकिन जब से उनके स्थान पर डाक्टर सुनील चौहान आए है तभी से अस्पताल का बेडा गर्क हो गया है। अगर समय पर मरीज की जांच नही होगी तो इसके कितने गंभीर परिणाम होगे यह तो अस्पताल प्रशासन को सोचना चाहिए।