चैनल्स के 26% मार्केट पर होगा कब्जा, फिर भी TRP रेस में स्टार-कलर्स को पीछे छोड़ना मुश्किल
मुंबई। जी और सोनी टीवी आपस में मर्ज हो रहे हैं। ये भारतीय टीवी मनोरंजन उद्योग में बड़ा बदलाव है। अभी तक 60 चैनल्स के साथ स्टार नेटवर्क भारत का सबसे बड़ा टीवी नेटवर्क है। अब सोनी और जी के साथ मिलने से 75 चैनल्स के साथ सबसे बड़ा नेटवर्क बन रहा है।
हालांकि टीवी उद्योग में असली रेस टीआरपी की है, जहां अब भी स्टार और कलर्स इन दोनों से बहुत आगे हैं। दूसरी ओर ओटीटी में रेस तेज हो सकती है क्योंकि वहां जी-5 और सोनी LIV साथ मिलकर एक तरफ नेटफ्लिक्स तो दूसरी ओर अमेजन प्राइम को सब्सक्राइबर नंबर, बंडल पैकेज और कंटेंट के मामले में चुनौती देंगे।
जी एंटरटेनमेंट के भारत में 49 चैनल हैं। दुनियाभर में इसके चैनल की संख्या 100 से ज्यादा है। वहीं, सोनी के 26 चैनल भारत में हैं, दुनिया में 31 चैनल हैं। नए नेटवर्क का क्या नाम रहेगा, क्या लोगो रहेगा, कितने चैनल रहेंगे, यह सब आने वाले 90 दिनों में तय होगा। आधिकारिक घोषणा के अनुसार इतना तो तय है कि दोनों के नेटवर्क, प्रोग्रामिंग ऑपरेशंस, डिजिटल एसेट्स और प्रोग्राम लाइब्रेरी मर्ज हो जाएंगे।
TRP गेम में अभी तीसरा नंबर
- टीआरपी में टॉप 10 शो में कुल 16 शो थे। इसमें जी के ‘कुंडली भाग्य’ और ‘कुमकुम भाग्य’ हैं। वहीं सोनी के ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’, ‘सुपर डांसर चैप्टर 4’ और ‘कपिल शर्मा शो’ शामिल हैं।
- टीआरपी चार्ट में टॉप पर स्टार प्लस के तीन शो हैं, ‘अनुपमा’, ‘गुम है किसी के प्यार में’ और ‘इमली’। इसके बाद चौथे स्थान पर कलर्स का ‘उदारियां’ है। फिर स्टार के ‘ये हैं चाहतें’ और कलर्स के ‘खतरों के खिलाड़ी’ का क्रम है। इसके बाद जी के ‘कुंडली भाग्य’ का नंबर आता है।
- टीवी इंडस्ट्री के एक्सपर्टस बताते हैं कि चैनल की संख्या ज्यादा होना सच में बहुत बड़ी बात है, मगर टीवी इंडस्ट्री में टीआरपी अहम है। सोनी को ‘कौन बनेगा करोड़पति’, ‘कपिल शर्मा शो’, ‘तारक मेहता’ जैसे शोज मिलते रहते हैं, मगर जनरल एंटरटेनमेंट कैटेगरी में इस नए नेटवर्क को और जोर लगाना होगा।
ओटीटी में होगी खलबली
- माना जा रहा है कि इन दोनों नेटवर्क के साथ आने से भारत के ओटीटी सेक्टर में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। फिलहाल डिज्नी प्लस हॉटस्टार 2.5 करोड पेड सब्सक्राइबर्स के साथ पहले स्थान पर है। प्राइम वीडियो 1.17 करोड़ सब्सक्राइबर्स के साथ दूसरे और सोनी LIV 70 लाख के साथ तीसरे पायदान पर है।
- दोनों ओटीटी प्लेटफॉर्म भी मर्ज किए जाते हैं या अलग-अलग ही रहते हैं, यह देखना होगा। हालांकि किसी भी स्थिति में दोनों बंडल पैकेज के लिए टेलिकॉम कंपनियों के साथ और बेहतर डील कर पाएंगे। दोनों को एक-दूसरे की कंटेंट लाइब्रेरी का भी फायदा मिलेगा।
- ऐसे में 46 लाख सब्सक्राइबर के साथ चौथे नंबर पर रहे नेटफ्लिक्स की मुश्किलें बढ़ेंगी। जी-5 के फिलहाल 40 लाख सब्सक्राइबर्स हैं, लेकिन बेहतर टेलिकॉम डील्स से उसको फायदा होगा।
टीवी के सामने बढ़ती चुनौतियों का मिलकर मुकाबला
- इंडियन टीवी और फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल के चेयरमैन जे.डी. मजेठिया का कहना है कि महामारी के दौरान ओटीटी सेगमेंट का बड़ा ग्रोथ हुआ। दर्शकों की एक हैबिट बन गई है, जिसकी वजह से दर्शक मोबाइल पर ज्यादा समय बिता रहे हैं।
- दूसरी ओर टीवी पर भी साल के 100 दिन तो क्रिकेट या दूसरे स्पोर्ट्स इवेंट चलते हैं। उसके सामने टीवी उद्योग को और मजबूत कंटेंट की जरूरत है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए दो बड़े नेटवर्क अपनी संयुक्त ताकत लगाएंगे। इसका फायदा सारे टीवी इंडस्ट्री को होगा ही होगा।
- इस लिहाज से देखें तो जी और सोनी दोनों के पास म्यूजिक और मूवी कंटेंट की अच्छी लाइब्रेरी है। इसके अलावा सोनी के पास सोनी SUB जैसे चैनल की भी विशेष ऑफरिंग है। जी मेन स्ट्रीम के अलावा रीजनल में भी बहुत पॉपुलर है। दोनों को एक-दूसरे की कुशलता का फायदा होना ही है।
ग्राउंड लेवल पर काम देखना होगा
- प्रोड्यूसर और फिल्म बिजनेस एक्सपर्ट गिरीश जौहर का कहना है कि सिर्फ भारत में ही नहीं, हॉलीवुड समेत पूरे विश्व के मनोरंजन उद्योग में कंसॉलिडेशन हो रहा है। भारत में भी रिलायंस और टी सीरीज ने हाथ मिलाया है। धर्मा प्रोडक्शन और वॉयकॉम ने भी साथ काम करने का ऐलान किया है।
- ऐसे कंसॉलिडेशन में निवेश बढ़ता है। निवेश पर रिटर्न पाने के लिए टीवी शो, ओटीटी शो या मूवी के रूप में अच्छा कंटेंट बनाने की कोशिश होती है। इससे पूरे मार्केट को बूस्ट मिलता है।
- यहां सोनी के पास बहुत अच्छा प्रीमियम अर्बन ऑडियंस है, जी के पास बहुत ही स्ट्रॉन्ग रीजनल ऑडियंस है। दोनों एक-दूसरे को फायदा दिला सकते हैं, लेकिन अभी देखना होगा कि यह कंसॉलिडेशन ग्राउंड लेवल पर वास्तव में कितनी अच्छी तरह से आगे बढ़ पाता है।
कंटेंट के लिए भी सब साथ में सोचें
- जाने-माने टीवी प्रोड्यूसर और राइटर जामा हबीब का कहना है- कंटेंट और बिजनेस के हिसाब से यह दोनों और स्ट्रॉन्ग बनेंगे। दोनों की अलग-अलग जॉनर में काबिलियत है। अब साथ मिलेंगे तो उसका फायदा ही होगा। वह ज्यादा कॉम्पिटिटिव बनेंगे।
- हबीब का यह भी कहना है कि टीवी कंटेंट में ऑडियंस की पसंद का ख्याल रखते हुए ही प्रोड्यूसर और नेटवर्क आगे बढ़ते हैं। इस वजह से टीवी कंटेंट में भेड़चाल की स्थिति बनी हुई है। यह खत्म करने के लिए भी सभी नेटवर्क को साथ बैठकर सोच-विचार करने की जरूरत है।