नई दिल्ली। काफी समय से कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की मांग हो रही है, मगर पार्टी इसके चुनाव को टालती आ रही है। फिलहाल, 2024 के लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर कोई बदलाव होता नहीं दिख रहा है। हालांकि, पार्टी में बागवती तेवर अपनाने वाले नेताओं को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। सूत्रों की मानें तो 2024 के लोकसभा चुनाव तक सोनिया गांधी ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। साथ ही ऐसी संभावना है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी युवा चेहरों को संगठन में प्रमुख पदों पर नियुक्त कर सकती है।
सूत्रों के हवाले से एक अखबार की खबर के मुताबिक, अगले लोकसभा चुनाव तक सोनिया गांधी ही कांग्रेस की अध्यक्ष पद पर रहेंगी। सूत्रों ने टीवी चैनल को बताया है कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने की संभावना नहीं है, हालांकि, शीर्ष स्तर पर निर्णय लेना वह जारी रखेंगे। आगामी 2024 के आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी एक बड़े फेरबदल की योजना बना रही है, जिसमें युवा कांग्रेस नेताओं और गांधी के वफादारों को पार्टी संगठन के भीतर महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है।
सूत्रों की मानें तो पार्टी से चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की उम्मीद है, जो महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की सहायता करेंगे। कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए गुलाम नबी आजाद, सचिन पायलट, कुमारी शैलजा, मुकुल वासनिक और रमेश चेन्नीथला सबसे आगे चल रहे हैं। यहां यह जानना जरूरी है कि गुलाम नबी आजाद उस जी-23 समूह के नेता हैं, जिसने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव की मांग की थी, वहीं सचिन पायलट भी एक वक्त पर अपना बगावती तेवर दिखा चुके हैं।
हालांकि, कांग्रेस के नेतृत्व परिवर्तन में प्रियंका गांधी की क्या भूमिका होगी, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी वाड्रा की नई भूमिका के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। फिलहाल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान संभाली हुई हैं और वहां के मामलों की देख रही हैं, जहां अगले साल चुनाव होने हैं।
सोनिया गांधी को कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाले दो साल से अधिक समय हो गया है और तब से कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव टालती आ रही है। इससे पहले ऐसी खबर थी कि राहुल गांधी पार्टी में शीर्ष पद संभालने के लिए सहमत हो गए हैं। हालांकि, मई 2021 में कांग्रेस ने देश में कोरोना की स्थिति का हवाला देते हुए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को टाल दिया था।
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी पार्टी संगठन को पूरी तरह से बदलना चाहते हैं। जब से राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ा है, तब से पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष की मांग उठ रही है। इतना ही नहीं, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, केरल और कर्नाटक में भी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच मुद्दों का सामना कर रही है। पंजाब में जहां कैप्टन बनाम सिद्धू देखने को मिल रहा है, वहीं राजस्थान में पायलट बनाम गहलोत देखने को मिलता है।