बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा के रिजल्ट आने के 7 दिन बाद कांग्रेस सरकार का आज शपथ ग्रहण समारोह है। बेंगलुरु के कांतिरावा स्टेडियम में दोपहर 12:30 बजे राज्यपाल थावरचंद गहलोत सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे।
20 मई को कांग्रेस विधायक दल की ओर से राज्यपाल को भेजे गए लेटर के मुताबिक, सिद्धारमैया के अलावा डीके शिवकुमार डिप्टी CM के अलावा 8 विधायक शनिवार को मंत्री पद की शपथ लेंगे।
इनमें 7 बार सांसद रहे केएच मुनियप्पा, डॉ. परमेश्वर, केजे जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जारकीहोली, प्रियांक खड़गे (मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे) , रामालिंगा रेड्डी और जमीर अहमद खान के नाम शामिल हैं।
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी और बेंगलुरु पहुंच गए हैं। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने एयरपोर्ट पर दोनों को रिसीव किया।
सोनिया, राहुल और प्रियंका को न्योता सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार शुक्रवार को दिल्ली गए थे। उन्होंने शपथ ग्रहण के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को न्योता दिया। इनके अलावा कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल, राजस्थान के CM अशोक गहलोत, हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी इनवाइट किया।
ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे को बुलाया
झारखंड के CM हेमंत सोरेन, तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन, पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी, बिहार के CM नीतीश कुमार, डिप्टी CM तेजस्वी यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, NCP प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे, नेशनल कान्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को बुलाया गया है। ममता बनर्जी ने अपनी जगह पार्टी सांसद काकोली घोष को बेंगलुरु भेजा है।
भाजपा और AAP नेताओं को निमंत्रण नहीं
कर्नाटक कांग्रेस ने शपथ समारोह के लिए जिन नेताओं को न्योता नहीं दिया है उनमें भाजपा, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP), ओडिशा के CM नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना के CM के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS), आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री YS जगनमोहन रेड्डी की पार्टी (YSR कांग्रेस), केरल के CM पी विजयन शामिल हैं।
पांच दिन की मान-मनौव्वल के बाद माने थे डीके
पिछले शनिवार को हुई मतगणना में कर्नाटक की 224 सीटों में से कांग्रेस को 135, भाजपा को 66, जनता दल एस को 19 और अन्य को 4 सीट मिली थीं। बहुमत मिलने के बाद कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार के समर्थक उनको मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। लेकिन, कांग्रेस की पसंद सिद्धारमैया थे।