कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ऐलान किया है कि अब साइंटिस्ट अपने लैब में नहीं बैठेंगे बल्कि किसानों के घर जाएंगे और उन्हें सही खेती का तरीका सिखाएंगे।

अब किसानों को सही खेती करने की तरीका सिखाने घर-घर साइंटिस्ट जाएंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि आज से विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ हो रहा है, जो 12 जून तक चलेगा। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उड़ीसा के जगन्नाथपुरी से इस अभियान की शुरूआत की। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत देश के अलग-अलग राज्यों में कार्यक्रम करेंगे।
साइंटिस्ट आएंगे किसानों के घर
आगे उन्होंने कहा कि देश में अन्न के भंडार भरे रहें, किसानों की आय बढ़े। इसके लिए हम गांव-गांव निकल रहे हैं। हमारे साइंटिस्ट अब लैब में नहीं बैठेंगे, बल्कि जमीन तक पहुंचेंगे और किसानों को खेती करने का सही तरीका सिखाएंगे, जिससे उनकी आय बढ़ेगी।
12 जून तक चलेगा कार्यक्रम
आगे शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान भाइयों, आपसे मेरी अपील है कि 29 मई से 12 जून तक चलने वाले इस अभियान को सफल बनाने में कोई कसर मत छोड़ना। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा हैं। किसान जब खेत में बीज बोता है तो वो केवल बीज नहीं बोता, वह जीवन भी बोता है। इस साल देश में 3539.59 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न पैदा हुई है, जो पिछले साल से 216.61 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है, लेकिन यह रुकना नहीं है और इसे और बढ़ाना है।
हमको दुनिया का फूड बॉस्केट बनना
आगे उन्होंने कहा कि भारत अब केवल देश की जनता का पेट नहीं भरेगा, बल्कि हमको दुनिया का फूड बॉस्केट बनना है। अगर उत्पादन बढ़ाना है तो सबसे आवश्यक है अच्छे बीज, इसके लिए मैं ICAR के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं जो लैब में निरंतर प्रयोग करके नए बीज तैयार कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कल ही केंद्रीय कैबिनेट ने 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
समय निकालिए और उनके साथ बैठिए- कृषि मंत्री
आगे कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का मतलब है कि वैज्ञानिक लैब से निकलकर खेत में किसानों के बीच जाएं, गांव में आपके साथ बैठें। आज से सभी वैज्ञानिक लैब से निकलकर आपके गांव में आ रहे हैं। मैं पूरे देश के किसानों से अपील करना चाहता हूं कि, वैज्ञानिक आपके गांव में आ रहे हैं। आप समय निकालिए और उनके साथ बैठिए, खेती में नए प्रयोग सीखिए और उत्पादन बढ़ाइए। वैज्ञानिकों से मेरा कहना है कि आप किसानों की सेवा करने जा रहे हैं। आपका सौभाग्य है कि गांव में जाकर किसानों से बात करके उनकी फसल का उत्पादन बढ़ाने का मौका आपको मिल रहा है, इससे बड़ा कोई पुण्य हो नहीं सकता।