बारिश बनी आफत; दो अलग अलग घटनाएं,मकान पर गिरी बिजली,घरेलू सामान जलकर राख,मकान की दीवार समाई खान में..

बारिश बनी आफत; दो अलग अलग घटनाएं,मकान पर गिरी बिजली,घरेलू सामान जलकर राख,मकान की दीवार समाई खान में..

बीकानेर@जागरूक जनता। जिले में मानसून की बारिश कई जगहों पर आफत बनकर बरसी है। जंहा सबसे ज्यादा नुकसान कच्चे घरों को पहुंचा है। वंही कई जगहों पर बिजली गिरने की समाचार सामने आ रहे है। रविवार को हुई बारिश में जिले में दो अलग अलग घटनाएं सामने आई है जंहा बिजली गिरने व खान धंसने से मकान की दीवार गिरने की खबर सामने आई है।

पहली घटना जिले के कोलायत तहसील के मड गांव से सामने आई है। जंहा रविवार दोपहर एक मकान पर बिजली गिरने से घरेलू सामान जल गया। गनीमत रही कोई जनहानि नहीं हुई। इस घटना से एक बारगी ग्रामीण दहल गए। जोरदार आवाज होने से लोग बिजली गिरने वाले घर की तरफ दौड़े। उसमें रहने वाले परिवार के सदस्यों को सुरक्षित पाकर राहत की सांस ली।जानकारी अनुसार कोलायत के मड गांव में बाबूलाल नाई के मकान में रसोई की चिमनी पर आसमानी बिजली गिरी। इससे सटे कमरे में कुछ बिस्तर रखे हुए थे। जिसमें बिजली गिरने के बाद आग लग गई। इस दौरान बाबूलाल नाई का परिवार घर के दूसरे कमरे में था। बिजली गिरने की आवाज से परिवार के सदस्य सहम गए। दौड़कर घर से बाहर निकल गए। इसके बाद उन्होंने अंदर कमरे में जाकर संभाला तो बिस्तरों में आग लगी हुई थी। इसी बीच ग्रामीण भी पहुंच गए।
ग्रामीणों ने बताया कि सुबह से बादलवाही और बूंदाबांदी हो रही थी। इसके बाद कुछ धूप निकली और दोपहर करीब एक बजे के आस-पास आसमान में बिजली कड़की और जोरदार आवाज हुई। आसमान से धरती की तरफ चमकती बिजली दिखाई पड़ी। बाबूलाल नाई के मकान को नुकसान नहीं पहुंचा है। केवल कुछ बिस्तर आदि में आग लगने से नुकसान हुआ है।

बजरी की खान धंसने से मकान की दीवार समाई खान में
दूसरी घटना नोखा कस्बे के वार्ड नंबर 10 की है जंहा  रविवार सुबह बजरी की खान धंसने से रामस्वरूप बिश्नोई के घर के पास बनी पानी की कुंडी और गुलाराम जाट के मकान की आगे की दीवार भी बजरी की खान में समा गई और वहां गहरा गड्ढा हो गया है। मोहल्ले के युवक सुंदरलाल विश्नोई ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार सुबह अचानक सुशील चौधरी जो बिहार निवासी है और उसके साथ एक दर्जन से ज्यादा बिहारी मजदूर उस मकान में निवास करते है जिस समय हादसा हुआ गनीमत रहे के की वे बच गए अन्यथा बड़ा हादसा घटित हो सकता था।
नोखा कस्बे में बजरी की नकारा खानों पर मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं। जहां हादसा हुआ वह गली पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो गयी है। मकान के कमरे अब पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं जो कभी भी जमीन में समा सकते हैं। मकान की पूरी दीवार जिसमें लोहे की खिड़की और अन्य सामान जमीन में बने लगभग 30 फुट चौड़ा और 70 फुट गहरे गड्ढे में समा गए जिसके बाद अचानक भय का माहौल बन गया। हादसे की सूचना मिलने पर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
कई लोगों ने मकान किया खाली
जमीन धंसने की खबर जैसे ही किराए पर रहने वाले लोगों को मिली वे अपना बोरिया बिस्तर सामान समेटकर वहां से रवाना हो गए। बजऱी की नकारा खान धंसने से दो गलियों के रास्ते पूरी तरह बंद हो गए और वहां गहरा गड्ढा बन गया है। बजऱी की एक अन्य स्थान पर भी उस स्थान से 50 फिट पास ही एक ओर खान धंस गयी जिसके कारण राजूराम राणा की मकान की दीवार मैं बड़ी दरारें आ गई है और मुख्य सड़क पर गहरा गड्ढा हो गया है जिसके बाद वहां से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। बजरी की खान धंसने की जानकारी मिलने के बाद में निवास करने वाले लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।

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