आज कैबिनेट की बैठक में होगा फैसला
जागरूक जनता नेटवर्क
जयपुर। प्रदेश में कोरोना कम पड़ते ही अब बच्चों के लिए स्कूल अनलॉक करने की तैयारी चल रही है। शिक्षा विभाग ने 15 जुलाई से बड़ी कक्षाओं में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू करने का प्लान तैयार किया है। पहले फेज में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाया जा सकता है। आज शाम होने वाली कैबिनेट की बैठक में स्कूल खोलने का प्रस्ताव रखा जाएगा, कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही स्कूल खोलने पर फैसला होगा।
कैबिनेट अगर मंजूरी देती है तो 15 जुलाई से 9 से 12 तक के स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड प्रोटोकॉल के पालन की शर्त रखी जाएगी। पहले फेज में आधे बच्चों को स्कूल बुलाया जा सकता है, एक दिन छोड़कर स्कूल बुलाने के मॉडल पर क्लास शुरू करने का विचार है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद गृह विभाग गाइडलाइन में छूट देगा तभी स्कूल खुलने का रास्ता साफ होगा। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा स्कूल खुलने के मामले में कह चुके हैं कि कैबिनेट और मुख्यमंत्री स्तर पर ही फैसला होगा।
अभी स्कूलों में शिक्षक तो आ रहे हैं, लेकिन बच्चे नहीं
कोरोना की दूसरी लहर आते ही मार्च से ही स्कूल बंद कर दिए गए थे। उसके बाद परीक्षाएं भी नहीं हो सकी थीं और बच्चों को बिना परीक्षा प्रमोट किया गया था। अभी स्कूलों में शिक्षक और बाकी स्टाफ तो नियमित रूप से आ रहा है, लेकिन बच्चों की कक्षाएं बंद हैं। जुलाई से नया सत्र शुरू हो चुका है। कोरोना कम पड़ने के साथ ही शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पढ़ाई शुरू करवाने का फैसला किया है।
कोरोना की दो लहर में बच्चों को पढ़ाई का भारी नुकसान
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में स्कूलों के बंद रहने से बच्चों को पढ़ाई का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना काल में स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास के जरिए बच्चों की पढ़ाई जारी रखी लेकिन बहुत से विषयों में बच्चों को दिक्कतें आ रही है। दूर दराज के गांवों में नेटवर्क की समस्या है, गरीब परिवारों के बच्चों के साथ सबके पास लेपटॉप या स्मार्ट फोन नहीं हैं जिसके कारण उन्हें पढ़ाई से वंचित होना पड़ रहा है। ऐसे बच्चों के लिए ऑफलाइन क्लास ही एकमात्र सहारा है।