आबादी: चीन से आगे हो गए हम, इस खबर पर माथा पकड़ें या खुश होएं!

UN Population Report India: आबादी के मामले में भारत दुनिया का नंबर वन देश बन गया है। उसने चीन को अपदस्थ कर ये तमगा हासिल किया है। हालांकि बढ़ती आबादी के जहां अपने फायदे हैं वहां मुश्किलें भी कम नहीं हैं। हां ये जरूर है कि भारत के पास अवसरों की संख्या बढ़ेगी।

नई दिल्ली: पुराने जमाने में कहावत हुआ करती थी कि जिसके पास जितनी लाठी, वो उतना मजबूत। यहां लाठी का मतलब आबादी या किसी के घर में लोगों की संख्या से होता था। ज्यादा संख्या वाले घरों से कोई भी उलझता नहीं था। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में आबादी के मामले में भारत नंबर वन बन गया है। अभी तक जनसंख्या के मामले में यह तमगा चीन के पास था। लेकिन भारत ने अब इस मामले में ड्रैगन से आगे निकल गया है। आबादी में नंबर वन बनने के बाद सोशल मीडिया से लेकर तमाम जगहों पर इसपर तरह-तरह की टिप्पणी देखने को मिल रही है। तो इस अनोखे नंबर वन पर माथा पकड़े या फिर खुश हुआ जाए? दरअसल, आबादी बढ़ने की अपनी चुनौतियां हैं। लेकिन एक हकीकत ये भी है कि आज आबादी बढ़ना अच्छी बात नहीं मानी जाती है। तो आइए समझते हैं कि बढ़ती आबादी की मुश्किलें और अवसर क्या हैं।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक जून के अंत तक भारत की आबादी चीन से 29 लाख ज्यादा हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र की विश्व जनसंख्या रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत की आबादी 142.86 करोड़ हो गई है। चीन की आबादी 142.57 करोड़ है। अमेरिका की जनसंख्या 34 करोड़, इंडोनेशिया की 27.75 करोड़, पाकिस्तान की 24 करोड़, नाईजीरिया की 22.4 करोड़, ब्राजील की 21.6 करोड़ और बांग्लादेश की 17.3 करोड़ हो गई है।

भारत की जनसंख्या बढ़ी
दुनिया के 8 सबसे ज्यादा आबादी वाले देश
देश जनसंख्या (करोड़ में)
भारत 142.86
चीन 142.57
अमेरिका 34
इंडोनेशिया 27.75
पाकिस्तान 24
नाईजीरिया 22.4
ब्राजील 21.6
बांग्लादेश 17.3
*स्रोत: UNFPA विश्व जनसंख्या रिपोर्ट 2023

आबादी का नफा-नुकसान
देश की आबादी बढ़ना एक चुनौती तो है लेकिन भारत की जनसंख्या में 25.4 करोड़ की आबादी 15-24 उम्र वाले हैं। यानी युवाओं की एक बड़ी फौज देश में है। यही फौज देश के विकास के लिए काम आ सकता है। यही नहीं 15-64 उम्र वालों की देश में आबादी 68% है। 65 साल से ऊपर वालों की संख्या केवल 7% है।

युवा आबादी के अपने फायदे
किसी देश के विकास में वहां की युवा आबादी की सबसे बड़ी भूमिका होती है। जापान और कई अन्य देशों में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं भारत के पास 24 करोड़ से ज्यादा की युवा आबादी के फायदे होंगे। अपनी युवा फौज के जरिए भारत दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है। यहां काम करने वालों की संख्या काफी अधिक रहेगी। अगर ये स्किल होंगे तो देश-दुनिया में भारत की तूती बोलेगी। इससे देश आर्थिक तौर पर मजबूत भी होगा।

हर साल 1.6 से 1.7 करोड़ बढ़ी आबादी
हाल के सालों में भारत में आबादी की संख्या हर साल 1.6 से 1.7 करोड़ बढ़ी है। जून के मध्य तक भारत चीन से आबादी के मामले में आगे निकल जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक देश में 0-14 साल वाले बच्चों की आबादी 25% है, 10-19 साल के लोगों की आबादी का प्रतिशत 18 फीसदी है। वहीं 10-24 साल वालों की आबादी 26% है। चीन में सालाना आबादी बढ़ने की दर 95 लाख रही है।

तो क्या बढ़ती आबादी अवसर है?
संयुक्त राष्ट्र में भूटान की कंट्री डायरेक्टर एंड्रिया वोजनर ने कहा कि अब दुनिया की आबादी 8 अरब तक पहुंच गई है। भारत भी 1.4 करोड़ की आबादी के पास पहुंच गया है। उसके लिए 1.4 की आबादी इतने ही अवसर की बात है। उन्होंने कहा कि भारत के पास सबसे ज्यादा युवा आबादी है। इतनी बड़ी यु

आबादी खोज का साधन होती है। नई सोच और समस्या के समाधान का उसके पास अवसर होता है। भारत में आधे से अधिक आबादी 30 साल से कम की है। यहां औसत उम्र 28 साल है। वहीं अमेरिका और चीन में औसत आयु 38 वर्ष है।

बड़ी आबादी के फायदे जान लीजिए
सबसे बड़ी आबादी वाले लोकतंत्र के रूप में भारत के पास सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का दावा पुख्ता होगा। इसके अलावा भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भी बन जाएगा। एक बड़ा उपभोक्ता होने का फायदा ये होगा कि यहां दुनिया की सभी दिग्गज कंपनियां आना चाहेंगी।

पर बढ़ती आबादी की मुश्किलें भी कम नहीं
सही मायने में बढ़ती आबादी या जनसंख्या के मामले में नंबर वन होना मौजूदा वक्त में खुशियां मनाने का मौका तो नहीं ही कहा जा सकता है। बड़ी आबादी को बसाने के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत होगी। ऐसे में इसका असर देश के जंगलों पर पड़ सकता है। बढ़ती आबादी से जलवायु परिवर्तन भी होता है। इसके अलावा देश के संसाधनों का सही वितरण करने की चुनौती होगी। हेल्थ सेक्टर में इतनी बड़ी जनसंख्या को सही स्वास्थ्य सुविधा देना एक मुश्किल भरा काम होगा।

चीन के लिए बढ़ी मुश्किलें
आबादी में दूसरे नंबर पर पहुंचने पर चीन को दुनिया के नक्शे पर नुकसान ज्यादा दिख रहा है। यहां हर साल 95 लाख बच्चों का जन्म हो रहा है। चीन घटती आबादी से परेशान है। अब संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के बाद वह क्वॉलिटी की बात करने लगा है। चीन ने यूएन की रिपोर्ट के बाद कहा कि दुनिया को आबादी नहीं बल्कि क्वॉलिटी को भी देखना चाहिए। आबादी की बात तो अलग है लेकिन प्रतिभाशाली संसाधन होना भी जरूरी है। दरअसल, चीन को ये अच्छी तरीके से पता है कि अगर टैलेंट की बात करें तो भारतीय युवाओं की दुनिया में कोई सानी नहीं है। इसके अलावा चीन की औसत आयु 38 साल है जबकि भारत में 28 साल। यानी एक दशक का अंतर। चीन में बुजुर्गों की आबादी भी बढ़ रही है। भारत का आबादी के मामले में नंबर वन बनने के बाद उसके सामने चुनौतियों का पहाड़ तो है लेकिन अवसर भी कम नहीं है।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

महाराष्ट्र में प्रचंड जीत: मुंबई के बीजेपी दफ्तर में लगा ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का पोस्टर, चर्चाएं तेज

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति ने महाविकस अघाड़ी को...