जयपुर। फोन टैपिंग केस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी की याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। सीएम के ओएसडी को गिरफ्तारी से राहत मिली हुई है। आज गिरफ्तारी से राहत की अवधि बढ़ाने पर फैसला होने के साथ दिल्ली क्राइम ब्रांच में दर्ज एफआईआर को रद्द करने पर भी बहस होनी है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत के बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच में दर्ज एफआईआर पर मिले नोटिस के बाद सीएम के ओएसडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट दो सुनवाई में सीएम के ओएसडी को दो बार गिरफ्तारी से राहत दे चुका है। अगस्त में हुई सुनवाई के समय अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को तय की थी। इससे पहले 3 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 अगस्त तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर इसी साल मार्च अंत में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। केंद्रीय मंत्री गजेंद सिंह शेखावत ने राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाते हुए सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा को नामजद आरोपी बनाया था।
पायलट खेमे की बगावत के वक्त लगे थे फोन टैपिंग के आरोप
पिछले साल सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय सीएम के ओएसडी ने सोशल मीडिया का हवाला देते हुए तीन ऑडियो सर्कुलेट किए थे। उन ऑडियो में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीख् बातचीत का दावा किया गया। इन ऑडियो में सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया।
विधानसभा और संसद तक फोन टैपिंग की गूंज
इस साल मार्च में विधानसभा के एक सवाल के जवाब के बाद फोन टैपिंग का विवाद फिर उछला। विधानासभा में दो दिन भारी हंगामे के बाद सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के ओएसडी के पास कहीं से ऑडियो आया, जिसमें विधायकों की खरीद फरोख्त की बातचीत थी। ऐसे ऑडियो ओएसडी आगे क्यों नहीं भेजेगा। हालांकि सरकार ने गैरकानूनी तरीके से किसी के फोन टैप करने के आरोपों को गलत बताया था। इस मामले को लोकसभा और राज्यसभा में भी उठाया गया। गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली पुलिस में शिकायत देकर राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। दिल्ली पुलिस ने सीएम के ओएसडी और सरकारी मुख्य सचेतक को पूछताछ के लिए पेश होने के नोटिस दिए थे।