ओमीक्रोन का खतरा बढ़ रहा है। सरकार ने कहा है कि वह पूरी तरह सतर्क है और इससे निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है। अब तक ओमीक्रोन के जो 161 मामले सामने आए हैं वे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात आदि अलग-अलग राज्यों के हैं। उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन के मामलों का जल्दी पता लगाने के लिए और ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ के लिए 38 प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं।
- भारत में यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में आए ओमीक्रोन के केस
- सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में, वैक्सीन लगा चुके लोगों को भी संक्रमण
- वैक्सीन लगाने के कारण हालत गंभीर नहीं, रोके भले न पर भूमिका अहम
नई दिल्ली। जब से ओमीक्रोन आया है, कोरोना की तीसरी लहर का खौफ पैदा हो गया है। विनाशकारी दूसरी लहर के बाद क्या ओमीक्रोन से तीसरी लहर आएगी? कैसे बच सकते हैं तीसरी लहर से? यह सवाल हर किसी के मन में है, पर चिंता ज्यादा इसलिए है क्योंकि वैक्सीन लगवा चुके लोग भी ओमीक्रोन पॉजिटिव हो रहे हैं। भारत में मरीजों की तादाद 200 की तरफ बढ़ रही है। सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से हैं और यहां 81 प्रतिशत ओमीक्रोन मरीज ऐसे हैं जो टीके की दोनों डोज लगवा चुके थे।
WHO की चेतावनी
उधर, WHO ने आगाह किया है कि ओमीक्रोन वैरिएंट डेल्टा से भी तेजी से फैल रहा है और इससे वैक्सीन लगवा चुके लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। उन लोगों को भी ओमीक्रोन पकड़ रहा है जो कोविड-19 से उबर चुके हैं। ऐसे में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
टीका लगवाने के बाद भी ओमीक्रोन पॉजिटिव
महाराष्ट्र के 54 मरीजों में से 81 प्रतिशत ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन के मामले हैं यानि पूरी तरह से टीकाकरण के बाद भी वे संक्रमित हो गए। इतना ही नहीं, कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने फाइजर वैक्सीन की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज भी ली थी। राहत यही है कि कोई भी मरीज गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचा और ज्यादातर को हल्के लक्षण ही दिखाई दिए। तो क्या वैक्सीन ओमीक्रोन संक्रमण को रोक नहीं पाएगी?
एक्सपर्ट का कहना है कि यह तथ्य हमारे सामने निकलकर आए हैं कि वैरिएंट इम्युन रिस्पांस से बच सकता है और ऐसे में ज्यादातर वैक्सीनें ओमीक्रोन के ट्रांसमिशन को रोक नहीं पा रही हैं। हालांकि वैक्सीन लगी होने के कारण गंभीरता को नियंत्रित किया जा सकता है। महाराष्ट्र के 54 में से 44 मरीजों ने दोनों खुराक ली थी। वैक्सीन न लगाने वाले 10 लोगों में से दो वयस्क और 8 नाबालिग हैं। नागपुर के एक शख्स को अप्रैल में भी कोविड हुआ था और यह अकेला ऐसा मामला है जिसे दोबारा इन्फेक्शन हुआ है।
ओमीक्रोन को लेकर सरकार अलर्ट, मांडविया ने दिया भरोसा- परेशान होने की जरूरत नहीं
वायरलॉजिस्ट डॉ. शाहिद जमील ने बताया कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों में ओमीक्रोन इन्फेक्शन हो रहा है। वायरस 50 से ज्यादा म्यूटेशन कर चुका है और इसमें 30 स्पाइक प्रोटीन में है जिससे यह प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित कर लेता है। स्पाइक प्रोटीन के चलते कोशिका में वायरस की एंट्री आसान हो जाती है और इससे यह ज्यादा संक्रामक बन जा रहा है।
वैक्सीन ओमीक्रोन से बचाने में कारगर नहीं लेकिन…
पुणे की इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च की इम्युनोलॉजिस्ट डॉ. विनीता ने बताया कि कोवैक्सिन, कोविशील्ड समेत ज्यादातर वैक्सीन ट्रांसमिशन रोकने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन के तौर पर उन्हें (वैक्सीन) लगाया गया है। वायरस के प्रवेश वाली जगहों पर उनका प्रभाव तो रहता है लेकिन यह इतना ताकतवर नहीं है कि वहीं पर वायरस को नष्ट कर सके।’ ऐसे में अगर किसी शख्स में एंटीबॉडी है तो भी कुछ वायरस प्रवेश कर सकते हैं।
टीकाकरण के महत्व को समझाते हुए वह कहती हैं कि वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है और बढ़ने लगता है लेकिन समय के साथ आगे प्रतिरक्षा प्रणाली अपना असर दिखाएगी और आगे इसे फैलने और गंभीर हालात पैदा करने से रोकेगी। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि 50 प्रतिशत संक्रमित लोगों में कोई भी लक्षण नहीं थे जबकि अन्य लोगों में खांसी, बुखार और गले में खराश थी। वैक्सीनेटेड या बिना वैक्सीन लगे समूह में से एक भी मरीज में लक्षण नहीं बढ़े। राज्य के सर्विलांस ऑफिसर डॉ. प्रदीप आवटे ने कहा कि टीकाकरण की भूमिका को पूरी तरह से इनकार नहीं किया जा सकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका से जो शुरुआती जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक संक्रमण खूब हुआ है लेकिन डेल्टा और मूल वुहान स्ट्रेन की तुलना में गंभीरता कम है। अब दुनिया की नजर यूके पर है, जहां ओमीक्रोन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यहां से सूचनाएं ज्यादा मिल सकती हैं। डॉक्टर साफ कह रहे हैं कि फिलहाल कोरोना के वैरिएंट से बचने के लिए N95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
सरकार क्या कह रही है
राज्यसभा में सोमवार को सरकार ने ओमीक्रोन वैरिएंट पर जानकारी साझा की। कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन से पैदा हुए हालात पर चर्चा का जवाब दे रहे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि देश में ओमीक्रोन के 161 मामले अब तक सामने आए हैं जिनमें से 13 फीसदी मामलों में लक्षण अत्यंत मामूली हैं। 80 फीसदी मामलों में कोई लक्षण सामने नहीं आए। 44 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि 96 देशों में ओमीक्रोन फैल चुका है और इसके प्रभावों पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वायरस के इस स्वरूप को लेकर पूरी तरह सतर्क है तथा आने वाले समय में इसे लेकर जरूरत के अनुसार परामर्श जारी किए जाएंगे जिनके आधार पर ही अवलोकन किया जाना चाहिए ताकि लोगों में किसी तरह का भ्रम न फैले।