RSS चीफ मोहन भागवत ने रोज मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हर दिन तिरस्कार और दुश्मनी के लिए नए मुद्दे उठाना ठीक नहीं है, यह नहीं होना चाहिए।
चीफ मोहन भागवत ने इन दिनों चल रहे माहौल को लेकर खुलकर बात की है। उन्होंने सहजीवन व्याखान माला नाम के प्रोग्राम में बात करते हुए कहा कि राम मंदिर बनना चाहिए और वास्तव में ऐसा हुआ भी। यह हिंदुओं की भक्ति का स्थान है, लेकिन हर दिन तिरस्कार और दुश्मनी के लिए नए मुद्दे उठाना ठीक नहीं है। इसका समाधान क्या है? हमें दुनिया को दिखाना चाहिए कि हम सद्भाव से रह सकते हैं, इसलिए हमें अपने देश में थोड़ा प्रयोग करना चाहिए।
देश में अलग-अलग समुदायों की विचारधाराएं
आगे कहा कि हमारे देश में अलग-अलग संप्रदायों और समुदायों की विचारधाराएं हैं। राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोगों को लगता है कि वे नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं लेकिन यह किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।
देश में होना चाहिए संवाद
आरएसएस चीफ ने कहा कि सुसंवाद अपने देश में होना चाहिए। श्रद्धास्थान राम मंदिर होना चाहिए जो की हो रहा है। हिंदू की श्रद्धास्थान हिंदू को लगता है, लेकिन ऐसा हर जगह किया तो हिन्दुओं में नेता तैयार हो सकते है या फिर भूतकाल का द्वेष, संशय, तिरस्कार के चलते रोज एक नया प्रकरण निकलना, ऐसे कैसे चलेगा, ये बिल्कुल नहीं चलेगा।
देश संविधान से चलता है
हमें दुनिया को दिखाना है कि हम एक साथ मिल जुलकर रह सकते हैं और यहां प्रयोग करते समय सभी परंपरा, पंथ, सम्प्रदाय की विचारधारा हमारे यहां है। अभी कुछ बाहर से आएं है, लेकिन उनमें कट्टरपंथी परंपरा है। उनका राज यहां रहने के कारण उन्हें लगता है कि उनका राज फिर से यहां आना चाहिए, लेकिन यह देश संविधान से चलता है, यहां किसी का राज नहीं होता है जनता अपना प्रतिनिधि चुनते है, जो चुनकर आते है वो राज्य चलते है और राज जनता का होता है।
कांग्रेस व शिवसेना ने दिया रिएक्शन
मोहन भागवत के बयान पर अब कांग्रेस के साथ-साथ शिवसेना के मंत्रियों ने भी अपनी राय दी है। शिवसेना शिंदे के कोटे से बने मंत्री योगेश कदम ने कहा कि ये क्या हो रहा है? जैसे-जैसे पॉलीटिकल सिचुएशन बदलता है, उद्धव ठाकरे का हिंदुत्व के बारे में स्टैंड बदलता है, यह बात उनके बारे में थी, आज सिचुएशन ऐसी है महानगरपालिका के चुनाव आ रहा है तो उनको हिंदुत्व याद आ रहा है, भागवत जी का संकेत जो था वह उद्वव ठाकरे की तरफ था, ये कोशिश उद्धव कर रहे कि वे हिंदू मुस्लिम करके हिंदू नेता बन जाएं।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भाई जनता ने कहा कि मोहन भागवत के बयान बार-बार बदलते रहते हैं, फिर भी अगर यह आरएसएस के मुखिया यह कह रहे हैं, तो बाकी लोग सिख ले इस बात से। इस संविधान की बुनियाद अनेकता में एकता है, 140 करोड़ आबादी का यह संविधान है। हम इस बात का स्वागत करते हैं, जब रेशम बाग में अपने अपने लोगों को बुलाया था तो कुछ बुद्धि देने के लिए कुछ बातें उनको वहां पर भी बताइए। फिर हिंदू मुस्लिम चुनाव के समय शुरू हो जाती है।