नगर निगम ग्रेटर आयुक्त की एफआईआर के बाद महापौर सौम्या गुजैर ने उन पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि निकायों में पार्षद ही जनता की आवाज होती है। अगर इस तरह की एफआईआर पार्षदों पर दर्ज हुई तो आमजन की समस्या को अधिकारियों के समक्ष रख ही नहीं पाएंगे। यह तो लोकतंत्र की हत्या है।
जयपुर। नगर निगम ग्रेटर आयुक्त की एफआईआर के बाद महापौर सौम्या गुजैर ने उन पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि निकायों में पार्षद ही जनता की आवाज होती है। अगर इस तरह की एफआईआर पार्षदों पर दर्ज हुई तो आमजन की समस्या को अधिकारियों के समक्ष रख ही नहीं पाएंगे। यह तो लोकतंत्र की हत्या है।
उन्होंने कहा कि अगर पार्षदों पर कोई कार्रवाई होती है तो जयपुर ही नहीं पूरे राजस्थान के पार्षद मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे। महापौर सौम्या ने कहा कि शहर में दो दिन से डोर टू डोर संग्रहण नहीं हो रहा था। जनता पार्षदों को कहती है और पार्षद मुझे कहते हैं। उनकी आवाज उठाने और वैकल्पिक व्यवस्था की हमारी जिम्मेदारी बनती है। मगर आयुक्त वैकल्पिक व्यवस्था के पक्ष में ही नहीं थे। महापौर ने कहा कि जब आयुक्त से वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि उपायुक्त इस व्यवस्था से राजी नहीं होंगे। जब उपायुक्त गैराज को उनके सामने ही पूछा तो उन्होंने कहा कि व्यवस्था हो जाएगी। इसी बात पर आयुक्त नाराज हो गए। आयुक्त नगर निगम में व्यवस्था खराब करने के लिए बैठे हैं, लेकिन उनके इस दबाव में अनैतिक तरीके से बीवीजी कंपनी के बिल पास नहीं कर सकते हैं।
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