जयपुर के लाखों लोगों के लिए आई राहत की खबर, पट्टे की आस होगी पूरी


राजधानी के लाखों लोगों को पट्टे की आस अब पूरी होती दिखाई दे रही है। कोई पट्टे का इंतजार 30 वर्ष से कर रहा है तो कोई 20 वर्ष से नियमन शिविर के इंतजार में बैठा है।

जागरूक जनता नेटवर्क
जयपुर। राजधानी के लाखों लोगों को पट्टे की आस अब पूरी होती दिखाई दे रही है। कोई पट्टे का इंतजार 30 वर्ष से कर रहा है तो कोई 20 वर्ष से नियमन शिविर के इंतजार में बैठा है। दो अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत होगी और उसमें इन लोगों की आस भी पूरी होगी।

इधर, अभियान को लेकर जेडीए की तैयारियां तेज कर दी हैं। जेडीए ने अब तक 1.30 लाख लोगों को पट्टा देने का रास्ता साफ कर लिया है। वहीं, पट्टे के करीब एक लाख प्रकरण ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जिनमें कानूनी पेच फंसे हुए हैं। इनका समाधान हो, इसके लिए जेडीए नियमित रूप से नगरीय विकास विभाग को अवगत करा रहा है। सरकार के स्तर पर फैसला होगा। किसी भी तरह की कोई दिक्कत न आए, इसके लिए जेडीए शहर का ड्रोन सर्वे भी करवाएगा। जेडीए अधिकारियों की मानें तो कॉलोनियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें ऐसी कॉलोनियां, जिनका नियमन हो चुका है लेकिन पट्टे जारी नहीं किए गए हैं। वहीं, ऐसी योजनाएं जो नियमन योग्य हैं और वे कॉलोनियां, जिनके नियमन में आपत्तियां हैं इन सभी को ध्यान में रखते हुए प्लान तैयार किया गया है।

फैक्ट फाइल
-1904 आवासीय योजनाएं सहकारी समितियों की स्वीकृत हैं। इसमें करीब 86 हजार भूखंडों के पट्टे दिए जाने हैं।
-1430 योजनाएं 90-ए और 90-बी हो चुकी हैं। इन योजनाओं के ले-आउट प्लान अनुमोदित नहीं है। करीब 41 हजार भूखंडों के पट्टे दिए जाने शेष हैं।

इनमें दिक्कत
-सहकारी समिति की पूर्व में विभिन्न कारणों से अस्वीकृत 971 योजनाओं में ले-आउट प्लान के अनुसार करीब 40 हजार भूखंडों के पट्टे दिए जाने हैं।
-1089 कॉलोनियां, जिन्हें पहले अस्वीकृत किया जा चुका है इनमें 58108 भूखंडों को पट्टे दिए जाने हैं।

अस्वीकृत किए जाने की वजह
-कोर्ट स्टे और मुआवजे को लेकर
-नियमन के दस्तावेज अधूरे होना
-ओवरलेपिंग और सदस्यता सूची का ठीक न होना
-सेक्टर रोड और 200 फीट की पट्टी से प्रभावित
-17.06.1999 से पहले के दस्तावेजों का अभाव

पृथ्वीराज नगर में भी दिक्कतें कम नहीं
राजधानी के पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में भी लोगों की दिक्कतें कम नहीं हैं। कई कॉलोनियों के मकान हाइटेंशन लाइन के दायरे में आ रहे हैं। ऐसे में जेडीए ने वहां अभी तक कैम्प ही नहीं लगाए। कई कॉलोनियां मंदिर माफी की जमीन पर बसी हुई हैं। इनको लेकर अभी तक सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। पृथ्वीराज नगर जन संघर्ष समिति के अध्यक्ष घनश्याम सिंह ने बताया कि जिन कॉलोनियों में नियमन शिविर लग चुके हैं और वहां के लोगों ने अब पट्टे नहीं लिए। ऐसे लोगों को ब्याज में छूट दी जाए।

होगी आस पूरी
25 वर्ष पुरानी कॉलोनी है। कॉलोनी का रेकॉर्ड जेडीए में कई वर्षों से जमा है। अब तक कैम्प नहीं लग पाया है। अब अभियान से ही पट्टा मिलने की उम्मीद है। कॉलोनी का नियमन होने के बाद विकास कार्य भी हो सकेंगे।
-विकास टांक, जगदम्बा नगर-बी

हमारी कॉलोनी 20 वर्ष पुरानी है। अब तक कॉलोनी में नियमन शिविर नहीं लग पाया है। सरकार के फैसले के बाद कुछ उम्मीद दिखी है। कॉलोनी का रेकॉर्ड जेडीए जोन कार्यालय में जमा किए हुए भी काफी समय हो चुका है।
-जय सिंह समर्थपुरा, भुवनेश्वर वाटिका

अभियान से पहले होगी पूरी तैयारी
अभियान शुरू होने से पहले तैयारी पूरी कर ली जाएगी ताकि पट्टे जारी में करने में कोई दिक्कत नहीं हो। इसके लिए नियमित रूप से जोन उपायुक्तों के साथ बैठक की जा रही हैं। जो भी दिक्कतें हैं, उनको दूर किया जा रहा है। ड्रोन सर्वे का टेंडर जारी कर दिया है। जल्द ही सर्वे शुरू होगा।
-गौरव गोयल, जेडीसी


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