बीकानेर@जागरूक जनता। बीकानेर में कोरोना के रोजाना 300 के आसपास आंकड़े सामने आ रहे है लेकिन आमजन में इसको लेकर कंही भी भय नजर नही आ रहा है । रविवार को तीसरी लहर के दूसरे वीकेंड कर्फ्यू में शहर के बाजारों में दुकानें बंद थी तो वंही दूसरी तरफ आवागमन को देखकर कतई ऐसा प्रतीत नही हो रहा था कि यंहा कर्फ्यू लागू है । लोग बे रोकटोक आते जाते नजर आ रहे थे । पुलिसकर्मी शहर में पॉइंट टू पॉइंट खड़े नजर आ रहे थे लेकिन बेवजह आने जाने वाले लोगो से पुलिस कंही भी रोक नही रही थी, केवल मीडियाकर्मियों को देखकर खानापूर्ति के नाम पर पुलिसकर्मी हिदायत जरूर दे रहे थे ।
शहर के भीतरी परकोटे में कर्फ्यू जैसे हालात बिल्कुल नजर नही आ रहे थे कई जगहों पर दुकाने खुली थी । वंही लोगो की आवाजाही आम दिनों जैसी थी । यंहा कई लोग बिना मास्क के नजर आए । वंही शहर के ह्रदय स्थल कोटगेट पर पुलिस के जवान बिना मास्क वालों को हिदायत जरूर देते नजर आए लेकिन कंही भी कर्फ्यू जैसी सख्ती नही बरती गई । शहर में अधिकांश जगहों पर पुलिस के जवान सुस्ताते नजर आए । इसमे केवल पुलिस को दोष देना कतई उचित नही है क्योंकि अकेले पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी नही है वरन आमजन को भी इस माहमारी के प्रति गंभीर होकर सजग होना होगा और आदर्श नागरिक का फर्ज निभाते हुए सरकारी एडवाइजरी का पालन करना होगा तभी इस कोविड माहमारी से निजात मिल सकेगी वरना अगर यह वायरस तेजी से फैला तो सरकार के पास कठोर लॉकडाउन के सिवाय कोई विकल्प नही रहेगा,जिसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ यह लापरवाह लोग होंगे जो सरकारी दिशा निर्देशों की सरेराह धज्जियां उड़ा रहे है ।