अंतिम समय में सिलेबस में बदलाव पर केंद्र को लगाई फटकार
नई दिल्ली। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पीजी (NEET PG) सुपर स्पेशियलिटी का सिलेबस अंतिम समय में बदलने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि सत्ता के खेल में युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत बनाइए। कोर्ट ने सरकार से संबंधित अफसरों की मीटिंग बुलाने का निर्देश दिया। साथ ही 4 अक्टूबर को जवाब दाखिल करने को कहा है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने केंद्र को फटकार लगाते हुए सख्त लहजे में कहा, ‘सत्ता के खेल में इन युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत समझो। हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। सरकार अपने घर को दुरुस्त करे। सिर्फ इसलिए कि किसी के पास शक्ति है, आप इसका मन मुताबिक इस्तेमाल नहीं कर सकते। यह स्टूडेंट्स के करियर का सवाल है। अब आप अंतिम समय में बदलाव नहीं कर सकते।’
जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा- अगले साल से बदलाव क्यों नहीं करते?
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार ने कहा, ‘युवा डॉक्टरों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) क्या कर रहा है? आप नोटिस जारी करते हैं और फिर पैटर्न बदल देते हैं? स्टूडेंट्स सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की तैयारी महीनों पहले से शुरू कर देते हैं। एग्जाम से पहले अंतिम मिनटों को बदलने की जरूरत क्यों है? आप अगले साल से बदलाव के साथ आगे क्यों नहीं बढ़ सकते?’
क्या है पैटर्न बदलने का विवाद?
छात्रों का दावा है कि सरकार ने NEET PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 का सिलेबस परीक्षा के 2 महीने पहले बदल दिया था। इसके विरोध में 41 पीजी क्वालिफाइड डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी।
स्टूडेंट्स ने यह भी दावा किया है कि 2018 में पैटर्न सामान्य चिकित्सा से 40% और सुपर स्पेशियलिटी से 60% प्रश्न का था, जबकि इस बार अंतिम समय में बदलाव कर दिया गया। इसमें सामान्य चिकित्सा से 100% प्रश्न पूछे गए थे।
कोर्ट ने 20 सितंबर को जारी किया था नोटिस
20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा -2021 के पाठ्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।