
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में नेशनल कैडेट कोर पूर्व छात्र संघ (एनसीसीएए) की पहली शासी परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने एनसीसी को एक ऐसा मंच बताया जो देश के युवाओं के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करता है। उन्होंने पूर्व एनसीसी कैडेटों को देश के मज़बूत स्तंभों के रूप में वर्णित किया, जो निष्क्रिय रूप से नहीं, बल्कि सक्रिय रूप से विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र के विकास में योगदान दे रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, ” हमें राष्ट्रीय विकास के लक्ष्य को तेज करने के लिए अपने पूर्व कैडेटों के मार्गदर्शन को शामिल करने की आवश्यकता है।” इसके साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एनसीसीएए, एनसीसी को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगा।
राजनाथ सिंह ने एनसीसी से ‘एनसीसी प्लस’ की भावना के साथ अपने कैडेटों के मूल्यों और गुणों को लोगों के एक बड़े वर्ग तक फैलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “एनसीसी इन मूल्यों को एनसीसी से जुड़े युवाओं में विकसित करता है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि ये मूल्य उन लोगों तक भी पहुंचें जो एनसीसी में शामिल नहीं हो सके।”
रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनसीसीएए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’, ‘स्वच्छता अभियान’ और विभिन्न सामुदायिक विकास एवं सामाजिक सेवा योजनाओं जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में सक्रिय रूप से जुड़ सकता है, जो जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करेगा।
वहीं, युवाओं के सर्वांगीण विकास में एनसीसी के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “अपने आदर्श वाक्य ‘एकता और अनुशासन’ की सच्ची भावना में, एनसीसी हमेशा राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इसने दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्रों सहित लाखों युवाओं को अनुशासित और प्रेरित करने में मदद की है।”
आपको बता दें, एनसीसीएए, एनसीसी पूर्व छात्रों का एक प्रमुख संघ है जिसका उद्देश्य दुनिया के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन के कार्य को आगे बढ़ाना है। ये पूर्व और वर्तमान कैडेटों को एकसाथ लाकर राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को बढ़ाना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस संघ के पहले सदस्य हैं, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरे पंजीकृत पूर्व छात्र हैं।