-नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता। दहेज प्रताड़ना का दंश झेल रही दो बच्चों की माँ को करीब 10 साल बाद न्यायालय से न्याय मिला है । अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नम्बर 2 ने इस मामले में परिवादिया के पति व उसकी सास को भादसं धारा 498 ए, 406, 323 व 325 के तहत कारावास की सजा सुनाई है । परिवादिया की तरफ से इस केस की पैरवी युवा अधिवक्ता जयदीप कुमार शर्मा ने की । अधिवक्ता शर्मा ने इस केस से जुड़े हर एक पहलू पर बारीकी से अध्ययन किया और परिवादिया को न्याय दिलाने के लिए पॉइंट टू पॉइंट कोर्ट में तथ्य पेश किए। जिससे अभियुक्तगण दिनों-दिन केस में कमजोर पड़ते गए और आखिरकार न्याय के दरबार मे परिवादिया की जीत हुई और दहेज लोभी आरोपी पति रोहिणी कुमार व सास नर्मदा देवी पत्नी स्व.बद्रीदास हर्ष को कारावास की सजा बीकानेर के न्यायालय नम्बर 2 ने सुनाई है ।
यह है दहेज प्रताड़ना का मामला
वर्ष 2008 में बीकानेर के महिला थाने में परिवादिया बीकानेर निवासी जयश्री हर्ष द्वारा अपने पति MDV कॉलोनी निवासी रोहिणी कुमार पुत्र बद्रीदास हर्ष, ससुर बद्रीदास हर्ष व सास नर्मदा देवी हर्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, मारपीट व अन्य आरोप लगाते हुए परिवाद दिया था । जिस पर महिला पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भादसं की धारा 498ए, 406, 323 व 325 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया था जिसकी एफआईआर नंबर 41 पर दस वर्ष से अधिक समय तक मामला कोर्ट में चलता रहा और आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद हाल ही में दो दिन पहले परिवादिया जयश्री हर्ष के पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुनाया है । वंही इस केस पीरियड के दौरान परिवादिया के ससुर बद्रीदास हर्ष की एक साल पहले ही मृत्यु हो गई जिसके बाद इस केस में आरोपी तीन की जगह दो ही रह गए । जिसमे कोर्ट ने परिवादिया के पति 47 वर्षीय रोहिणी कुमार व 67 वर्षीय सास नर्मदा देवी को 498 ए आईपीसी के अपराध में दो वर्ष का साधारण कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदंड, 406 आईपीसी में एक वर्ष का साधारण कारावास व एक हजार रूपए अर्थदंड, 323 आईपीसी के तहत एक हजार रूपए जुर्माना व 325 आईपीसी के तहत दो वर्ष का साधारण कारावास व 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अर्थदंड की राशि अदा ना करने पर दोनो आरोपियों दो माह तक का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। परिवादिया के अधिवक्ता जयदीप कुमार शर्मा ने बताया कि न्यायालय द्वारा दोनो आरोपियों को सुनाई गई सभी धाराओं की सजा साथ-साथ चलेगी वंही न्यायिक हिरासत में काटी गई सजा सुनाए गए फैसले में से लैस होगी ।