काम संभालने से पहले मेयर सौम्या गुर्जर ने केक काटा। इस मौके उनके स्टाफ के सभी सदस्यों ने उन्हें बधाई दी।
जयपुर। नगर निगम जयपुर ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर ने अपनी जिम्मेदारी के प्रति समर्पण की मिसाल पेश की है। बच्चे को जन्म देने के ठीक 14 दिन बाद गुरुवार को वह निगम मुख्यालय पहुंचीं और काम-काज संभाला। इससे पहले 11 फरवरी को सुबह बच्चे को जन्म देने के 8 घंटे पहले तक मेयर सौम्या ने ऑफिस में रहकर रात 9 बजे तक काम किया था।
हालांकि, बीच के इन दिनों में भी वे घर से नियमित निगम अधिकारियों से संपर्क में रहीं। स्वच्छता और विकास कार्यों को लेकर लगातार फीडबैक लेती रही। प्रसव के 5 दिन बाद ही उन्होंने वर्क फ्रॉर्म होम शुरू कर दिया था। घर पर ही ऑफिस के जरूरी काम निपटा रही थीं। गुरुवार सुबह जब मेयर वापस काम पर लौटीं तो उनके इस जज्बे को देखकर निगम के अधिकारी-कर्मचारी भी अचंभित रह गए।
‘एक जिम्मेदार के तौर पर मैं घर नहीं रुक सकती’
मेयर सौम्या ने बातचीत के दौरान कहा- मैं छुट्टी पर थी, लेकिन मन नहीं लग रहा था। एक जिम्मेदार के तौर पर मैं घर पर नहीं रुक सकती थी। ऐसे में अपने मातृत्व के साथ ही फर्ज की अहमियत को समझते हुए डिलीवरी से 8 घंटे पहले तक काम किया। आज मैंने दफ्तर में पूरा कामकाज संभाल लिया। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सभी जोन का दौरा करेंगी। उन्होंने कहा कि पूरे शहर ने मुझे चुना है। यह छोटी जिम्मेदारी नहीं है। मैं उस जिम्मेदारी की अहमियत को समझती हूं।
इन अधिकारियों ने भी पेश की थी मिसाल
काम के प्रति डेडिकेशन के इससे पहले भी कई उदाहरण देखते को मिले हैं। लेकिन एक वर्किंग वुमन और मदर के रूप में अपने काम के लिए पूरा डेडिकेशन रखने के उदाहरण बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। इससे पहले इंदौर नगर निगम आयुक्त आईएएस प्रतिभा पाल और विशाखापट्नम नगर निगम की आयुक्त आईएएस अधिकारी सृजना गुम्माला और गाजियाबाद की एसडीएम सौम्या पांडे भी मां बनने के बाद एक पखवाडे़ में ही वापस अपने काम पर लौट आईं थी। मेयर का अपने कर्तव्य के प्रति ये जज्बा उन सभी नौकरपेशा महिलाओं के लिए नजीर है।