सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सजा जरूरी, क्योंकि माल्या को पछतावा नहीं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को अवमानना के आरोप में चार महीने की जेल और 2000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। बेंच ने कहा, ‘सजा जरूरी है क्योंकि माल्या को कोई पछतावा नहीं हैं।’ जुर्माना न चुकाने पर 2 महीने की अतिरिक्त सजा होगी।
माल्या को 4 हफ्ते के अंदर 8% ब्याज के साथ 40 मिलियन डॉलर (करीब 317 करोड़ रुपए) भी वापस करने को कहा गया है। माल्या ने ये रकम अपने बच्चों के विदेशी अकाउंट में ट्रांसफर की थी। ऐसा न करने पर उसकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया वाली 3 जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।
माल्या ने पैसों की गलत जानकारी दी
माल्या ने न सिर्फ विदेशी खातों में पैसे ट्रांसफर करने को लेकर कोर्ट को गलत जानकारी दी, बल्कि पिछले 5 साल से कोर्ट में पेश न होकर अवमानना को और आगे बढ़ाया है। माल्या को 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी। कोर्ट ने 2020 में 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली माल्या की याचिका को भी खारिज कर दिया था। इसके बाद 10 मार्च को माल्या की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था।
बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए नहीं चुकाए
शराब कारोबारी पर 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन वापस नहीं करने का आरोप है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें माल्या के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई थी। आरोप लगाया गया था कि उसने अपने बच्चों को 40 मिलियन अमरीकी डालर ट्रांसफर किए, जिससे अदालत के आदेशों का उल्लंघन हुआ। वह मार्च 2016 से यूके में है।