महंत डॉ. नरेश पुरी महाराज ने महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हरिद्वार में किया भगवान शिव का रुद्राभिषेक

हरिद्वार : महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की आराधना और आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करने का दिव्य अवसर है। इस पावन पर्व पर मेहंदीपुर बालाजी के महंत डॉ. नरेश पुरी महाराज ने हरिद्वार स्थित शिव की पौड़ी घाट पर वैदिक विधि-विधान से भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। इस भव्य अनुष्ठान में श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं और भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी और हर तरफ “हर-हर महादेव” के जयकारे गूंजते रहे।

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य विवाह का शुभ अवसर माना जाता है। इस दिन रुद्राभिषेक, मंत्र जाप, उपवास और रात्रि जागरण से शिव कृपा प्राप्त होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि की रात्रि को भगवान शिव तांडव नृत्य करते हैं, जो सृष्टि की रचना, पालन और संहार का प्रतीक है। इस अवसर पर भक्तजन शिवलिंग का जल, दूध, दही, शहद, गंगा जल, बेलपत्र और धतूरा से अभिषेक कर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

हरिद्वार में दिव्य रुद्राभिषेक और वैदिक अनुष्ठान

इस शुभ अवसर पर 21 वैदिक विद्वानों द्वारा रुद्री पाठ और श्री सूक्त का पाठ किया गया, जिससे संपूर्ण वातावरण शिवमय और ऊर्जा से परिपूर्ण हो गया। वैदिक मंत्रों की गूंज और गंगा तट की दिव्यता ने इस अनुष्ठान को और अधिक भव्य और आध्यात्मिक बना दिया। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर शिवलिंग पर जलाभिषेक किया और भक्ति भाव से भगवान शिव की आराधना की।

महंत डॉ. नरेश पुरी महाराज ने अपने संदेश में कहा, “महाशिवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और ईश्वर से साक्षात्कार का अवसर है। भगवान शिव की आराधना से मनुष्य के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता है। यह पर्व हमें अहंकार का त्याग कर शिवमय होने का संदेश देता है।”

श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी और ब्राह्मण सेवा

रुद्राभिषेक एवं वैदिक अनुष्ठान के उपरांत विशेष रूप से आमंत्रित ब्राह्मणों को भोजन प्रसादी कराई गई और दान-दक्षिणा देकर उनका सम्मान किया गया। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने प्रेमपूर्वक भोजन ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

भक्तों में उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा

हरिद्वार और देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने इस भव्य आयोजन में भाग लिया और इसे एक आध्यात्मिक अनुभूति का दिव्य अवसर बताया। गंगा के तट पर शिव आराधना के इस पावन आयोजन ने भक्तों के हृदय को आनंद और शांति से भर दिया।

महंत डॉ. नरेश पुरी महाराज ने सभी भक्तों को शिव कृपा की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि महाशिवरात्रि का यह पर्व हमें भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर जीवन में सच्चाई, अहिंसा, और सेवा का मार्ग अपनाने की प्रेरणा देता है।

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