एम-सैंड यूनिट्स को उद्योग का दर्जा, नई पॉलिसी लागू

  • एम-सैड पॉलिसी जारी करते सीएम अशोक गहलोत, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया
  • सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बजरी का अवैध खनन बढ़ा : गहलोत
  • एम सैंड यूनिट्स लगाने वालों को मिलेंगे निवेश प्रोत्साहन योजना के फायदे

जयपुर। राजस्थान सरकार प्रदेश में मैन्यूफैक्चर्ड सैंड (एम सैंड) को बजरी के विकल्प के तौर पर तैयार करने की कवायद में लगी हुई है। इसके लिए आज से प्रदेश की नई एम सैंड पॉलिसी को जारी कर लागू किया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल कार्यक्रम में एम-सैंड पॉलिसी को जारी किया। पॉलिसी के तहत एम सैंड बनाने वाली यूनिट्स को उद्योग का दर्जा दिया गया है। एम-सैंड यूनिट्स को निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ मिल सकेगा। खनन पट्टे आवंटित करने में भी एम सैंड यूनिट्स को प्राथमिकता दी जाएगी और कुछ प्लॉट्स इनके लिए आरक्षित रखे जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि 7 दिसंबर को एम-सैंड पॉलिसी को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। प्रदेश में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नदियों के बजरी निकालने से पर्यावरण का नुकसान होता है इसलिए एम सैंड को बजरी का विकल्प बनाया जा रहा है। प्रदेश में 70 मिलियन टन बजरी की मांग है। खान विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने प्रजेंटेशन में बताया कि प्रदेश में अभी एम सैंड के क्रेशर डस्ट का निर्माण के प्लांट्स हैं, एम सैंड की 20 बड़ी यूनिट जयपुर, जोधपुर और भरतपुर में काम कर रही हैं। 20 हजार टन एम सैंड का निर्माण हो रहा है।

एम सैंड यूनिट्स लगाने वालों को मिलेंगे निवेश प्रोत्साहन योजना के फायदे

पॉलिसी के तहत एम सैंड बनाने वाली नई यूनिट लगाने पर निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ दिया जाएगा। एम सैंड की पहले से चल रही यूनिट्स को विस्तार करने पर भी कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ दिया जाएगा। कस्टमाइज्ड पेकेज के तहत 75 फीसदी निवेश सब्सिडी, इंप्लॉयमेंट सब्सिडी ,द इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर सात साल छूट, स्टांप ड्यूटी में पूरी छूट मिलेगी। अगर निवेश 2 करोड़ या इससे उपर है तो अतिरिक्त लाभ मिलेंगे जिसमें 100 फीसदी निवेश सब्सिडी मिलेगी, स्टेट जीएसटी का शत प्रतिशत पैसा सात साल तक रिटर्न मिलेगा। एम सैंड पॉलिसी के तहत मैशनरी स्टोन के खनन पट्टों में दो प्लॉट एम सैंड यूनिट्स के लिए रिजर्व रखे जाने का प्रावधान किया गया है। लॉन्चिंग कार्यक्रम में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने विभाग के अफसरों को निर्देश दिए कि 2 प्लॉट की जगह प्रतिशत तय किया जाए, प्रतिशत के आधार पर खनन प्लॉट एम सैंड यूनिट्स के लिए आरक्षित रखे जाएं।

निर्माण कामों में गैमचेंजर साबित होगा एमसैंड, दिल्ली मेट्रो में हुआ है एम-सैंड का इस्तेमाल
गहलोत ने कहा, एम सैंड नीति में दिए गए प्रोत्साहन का प्रचार प्रसार होना जरूरी है। उद्योग के लिए जमीन आवंटन आसान नहीं होता, कई चक्कर काटने पड़ते हैं। एम सैंड यूनिट्स और खनन के लिए जमीन आवंटन भी आसान करना होगा। नौजवानों को जमीन आवंटन, मशीनरी की उपवलब्धता में विभाग मदद करे। एम सैंड निर्माण कार्यों में गेमचैंजर साबित हो सकता है। एम सैंड का इस्तेमाल दिल्ली मेट्रो में खूब हुआ है, कंस्ट्रक्शन में ​चुनाई एम सैंड से ज्यादा अच्छी होती है। इसके दाने बराबर होते हैं, बजरी की तरह रेत मिक्स नहीं होती।

सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद बजरी का अवैध खनन बढ़ा : गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने कहा, बजरी खान पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद तेजी से अवैध कारोबार बढ़ा। मैंने सरकार के दो साल के कार्यक्रम में भी कहा था कि बड़ी तादाद में अवैध बजरी निकलती रही। इस पर नियंत्रण नहीं लग सका इसकी तकलीफ है। किसी चीज की जनता को जरूरत है और उसका विकल्प नहीं है तो उसका अवैध खनन होगा। अब उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी बनने के बाद जल्द फैसला होगा। जितना जल्द लीगल खनन होने लग जाए इसका हमें बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

Date:

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

विधान सभा अध्‍यक्ष श्री देवनानी और मुख्‍यमंत्री श्री शर्मा की मुलाकात

श्री देवनानी ने मुख्‍यमंत्री को भारत विभाजन का दंश...

प्रदेश में डीएपी, एसएसपी व एनपीके बुवाई के लिए पर्याप्तः कृषि विभाग

राज्य सरकार डीएपी आपूर्ति बढाने के लिए निरन्तर प्रयासरत जयपुर।...

आईएचआईटीसी में ज्यादा से ज्यादा कृषकों को दिया जाये प्रशिक्षण: श्री राजन विशाल

जयपुर। शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री राजन विशाल...

यूईएम जयपुर ने “अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संस्थान मीट (आईआईआईएम) – सिनर्जी समिट 2024” की मेजबानी की

यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (यूईएम), जयपुर ने संयुक्त...