विधानसभा बजट सत्र: इतिहास में पहली बार हुआ बजट भाषण का एक पेज पढऩा भूले मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री कल बजट भाषण का पेज नंबर 10 पढ़ना भूले, आज प्रश्नकाल खत्म होते ही इस पेज को पढ़ा
  • विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शुरू की बहस

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल बजट भाषण का पेज नंबर 10 को पढ़ना ही भूल गए थे। ऐसे में गुरुवार को विधानसभा का प्रश्नकाल खत्म होते ही मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य से जुड़ी कल छूटी हुई बजट घोषणाएं सदन में कीं। गहलोत ने विधानसभा स्पीकर से पहले इसकी अनुमति ली और फिर कल छूटे हुए पेज में लिखी घोषणाओं को सदन में पढ़कर सुनाया। संभवत: यह पहला मौका है जब बजट भाषण में कोई पेज छूट गया हो और बाद में पढ़ा गया हो।

दरअसल, कल 109 पेज के बजट भाषण के पेज नंबर 10 पर चिकित्सा महकमे से जुड़ी घोषणाओं से जुड़ा पेज मुख्यमंत्री ने पढ़ा नहीं। मुख्यमंत्री पेज नंबर 9 से सीधे पेज 11 पर चले गए, इस वजह से पेज 10 की घोषणाएं छूट गई। मुख्यमंत्री से हुई इस चूक पर सदन में विधायकों के बीच खूब चर्चा है।

कल ये घोषणाएं सदन में पढ़ना भूले सीएम, आज की

  • शाहपुरा-भीलवाड़ा, नोखा-बीकानेर, हिण्डौन-करौली,सागवाड़ा-डूंगरपुर, सवाई माधोपुर शहर (CHC), नीमकाथाना सीकर,शिवगंज-सिरोही, बालोतरा-बाड़मेर व प्रतापनगर जोधपुर के चिकित्सा संस्थानों को जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किया जाएगा।
  • कुचामन सिटी, लाडनूं-नागौर, उदयपुरवाटी-झुंझुनूं, हलैना भरतपुर, मनियां (राजाखेड़ा)-धौलपुर व कोलायत-बीकानेर सहित 10 नए ट्रॉमा सेंटर खोले जाएंगे।
  • 40 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण के लिए लगभग 206 करोड़ खर्च होंगे
  • कोटा में 150 बेड क्षमता का नया जिला अस्पताल बनेगा, जोधपुर में मण्डोर अस्पताल को जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किया जाएगा।

राज्य के विभिन्न चिकित्सालयों में कुल 1 हजार बेड्स की वृद्धि की जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत लगभग 11 हजार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व उप- स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित कर 12 प्रकार की विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं फेजमैनर में उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए 11 हजार से ज्यादा कम्युनिटी हेल्थ ऑफिर्सस की भर्ती की जा रही है।

कैलाश मेघवाल सवाल लगाकर सदन से गायब
भाजपा में ​चल रहे चिट्ठी विवाद के दो अहम किरदारों में कैलाश मेघवाल और प्रतापसिंह सिंघवी का आज सदन में अलग स्टैंड दिखा। कल भाजपा विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष से भिड़ने वाले पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल सवाल लगाकर सदन से गायब हो गए। कैलाश मेघवाल आज प्रश्नकाल में सातवें नंबर पर भीलवाड़ा में वन स्टॉप शॉप योजना में उद्यमियों को मिली सहायता से जुड़ा सवाल लगा हुआ था। जब उनकी बारी आई तो मेघवाल सदन में मौजूद नहीं थे। कैलाश मेघवाल ने सवाल पूछने के लिए किसी दूसरे विधायक को भी अधिकृत नहीं किया। इसकी वजह से उस सवाल पर सदन में कोई जवाब नहीं आया। दूसरी तरफ चिट्ठी पर विधायकों के हस्ताक्षर करवाने वाले वसुंधरा राजे खेमे के विधायक प्रतापसिंह सिंघवी ने सदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिए जयपुर के रामगढ बांध के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण का मुद्दा उठाया।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शुरू की बहस
विधानसभा में आज से बजट पर बहस शुरू हो गई है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बजट बहस की शुरुआत की। बजट बहस में भाजपा से बोलने वाले विधायकों पर सबकी निगाह टिकी हुई है। क्योंकि, बुधवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में चिट्ठी विवाद को लेकर नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल में बहस हुई थी। इसके बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने चिट्ठी लिखने वाले विधायकों को बजट बहस में बोलने और कैलाश मेघवाल से बहस की शुरुआत करवाने की बात कही थी। कैलाश मेघवाल आज सदन में नहीं हैं। बजट बहस के पहले दिन गुरुवार को ​चिट्ठी लिखने वाले कितने विधायकों को बोलने का मौका मिलता है, इसकी सबसे ज्यादा चर्चा है।

4 मार्च को बजट बहस का विधानसभा में जवाब देंगे गहलोत
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधानसभा में कार्य सलाहकार समिति (बीएसी) का प्रतिवेदन रखा। कल बीएसी की बैठक में 4 मार्च तक का सदन का कामकाज तय हुआ है। 4 मार्च को मुख्यमंत्री बजट बहस का जवाब देंगे। अब तक बीएसी में तय हुए कामकाज के हिसाब से बजट बहस पर 3 दिन का वक्त मिल रहा है। 26 से 28 फरवरी और 2 मार्च को विधानसभा की कार्यवाही नहीं चलेगी। 1 मार्च, 3 मार्च और 4 मार्च को विधानसभा में बजट पर बहस होगी। 4 मार्च को शाम 5 बजे मुख्यमंत्री बजट बहस का जवाब देंगे।

विधानसभा में रखे गए 5 विधेयक, इसी सत्र में पारित होंगे
विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने गुरुवार को 5 विधेयक रखे गए। इन पांचों विधयेकों को बजट सत्र के दौरान ही बहस के बाद पारित करवाया जाएगा। धारीवाल ने राजस्थान विवाह का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक 2021, राजस्थान पंचायती राज संशोधन विधेयक 2021, रजिस्ट्रीकरण राजस्थान संशोधन विधेयक 2021, राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक 2021 और राजस्थान विधियां संशोधन विधेयक 2021 विधानसभा में रखे गए।

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