पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा, भोपाल और जबलपुर मंडल की 200 यात्री ट्रेनों को 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाने के लिए अधिसूचित कर दिया है। इनमें कई टे्रनें अभी भी इस रफ्तार से चल रही हैं, वहीं कुछ बंद टे्रनों का संचालन निकट भविष्य में शुरू होगा।
जागरूक जनता नेटवर्क
कोटा। कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद धीरे-धीरे यात्री रेलगाडिय़ों की संख्या में इजाफा किया जा रहा है। कोविड के दौरान यात्री गाडिय़ों का भार कम होने के कारण रेलवे ट्रेक को अपग्रेड किया गया। इसके बाद कोटा, भोपाल और जबलपुर मंडल की 200 यात्री ट्रेनों को 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाने के लिए अधिसूचित कर दिया है। इनमें कई टे्रनें अभी भी इस रफ्तार से चल रही हैं, वहीं कुछ बंद टे्रनों का संचालन निकट भविष्य में शुरू होगा। कोटा मंडल से 71 जोड़ी यात्री गाडिय़ां अब 130 किमी की रफ्तार से चलेंगी। पहले मेल और एक्सप्रेस श्रेणी की गाडिय़ां 110 किमी की रफ्तार से चल रही थीं, रफ्तार बढ़ाने से यात्रा का समय घट गया है। कोविड-19 वैश्विक महामारी की विषम परिस्थितियों एवं चुनौतियों का सामना करते हुए अप्रेल 2020 से जून 2021 तक ढांचागत सुधार के कार्य किए गए। पश्चिम मध्य रेलवे मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों को 130 केएमपीएच की गति ट्रेन संचालित करने वाला भारतीय रेल का पहला जोन बन गया। कोटा जंक्शन से गुजरने वाली जोधपुर-इंदौर-जोधपुर इंटरसिटी, स्वर्ण मंदिर मेल, नई दिल्ली-इंदौर-नई दिल्ली इंटरसिटी, नंदादेवी एक्सप्रेस, मेवाड़ एक्सप्रेस सहित अन्य मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई है। इस तरह पैसेंजर टे्रनों को छोडकऱ ज्यादातर टे्रनों को रफ्तार बढ़ाने के लिए अधिसूचित किया है। इसके साथ ही दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर वाया कोटा होकर ट्रेनों की रफ्तार 160 किमी करने की परियोजना भी चल रही हैं। यह कार्य पूरा होने के बाद ट्रेनों की रफ्तार और बढ़ा दी जाएगी। इस रेलमार्ग पर 180 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने का परीक्षण भी किया जा चुका है।
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