खाकी कप्तान प्रीति का झपटामार गैंग पर बड़ा वार, शहर में महिलाओं के डर का प्रीति ने किया THE END
बीकानेर@जागरूक जनता। शहर में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने को लेकर खाकी कप्तान प्रीति एक्शन मोड़ पर है । विगत दिनों शहर में महिलाओं के पर्स व मोबाईल छीनने की वारदातों को एसपी प्रीति ने गम्भीरता से लिया जिसके लिए उन्होंने अपनी विशेष टीम को इन आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे । इसी टारगेट को लेकर बीकानेर पुलिस ने एक-एक सुराग जुटा कर इन घटनाओं में शामिल दो आरोपियों को रविवार को बापर्दा गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एसपी प्रीति चंद्रा, आईपीएस शैलेन्द्र इंदौलिया के निकट सुपरविजन में सीओ सदर सुभाष शर्मा, सदर थानाधिकारी सत्यनारायण गोदारा, कोतवाली थानाधिकारी नवनीत कुमार, एसआई महेन्द्र कुमार द्वारा गठित टीम ने अंजाम दिया है। पुलिस टीम ने आरोपी भींयाराम नायक को एक बाइक व मोबाईल के साथ व आरोपी देवी सिंह को एक पर्स के साथ गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है, गत 14 मार्च को मुदिता पोपली के साथ दो पीर दाउजी रोड के पास बाइकसवार ने पर्स छीन लिया था।
इसी तरह सुनील हर्ष की पत्नी का गोकुल सर्किल के पास दो अज्ञात बाईक सवारों ने पर्स छीन लिया था। तीसरा घटनाक्रम सुनीता वर्मा के साथ डिस्पेंसरी न 04 के पास पहुचने पर दो अज्ञात बाईक सवारों ने बेग छीन लिया था।
इस टीम की मेहनत रंग लाई
वारदात का खुलासा करने मुल्जिमों को गिरफ्तारी करने में रामकरण सिंह सउनि, कानदान सादू एचसी, महावीर सिंह एचसी, दीपक यादव एचसी, अब्दुल सत्तार एचसी, वासुदेव कानि, लखविन्द्र सिंह, योगेन्द्रसिंह कानि, दलीपसिह कानि, सवाई सिह, विनोद भाभू कानि, पूनमचन्द कानि डीआर तथा टीम की सहायतार्थ टीम पुलिस थाना कोतवाली से शब्दल अली कानि, रामनिवास, कानि बीछवाल थाना से हंसराज मीणा कानि का रहा योगदान। घटना की वारदात को ट्रेस आउट करने मे दीपक यादव एचसी 261 साईबर सैल पुलिस अधीक्षक कार्यालय बीकानेर, वासुदेव कानि 1069 का विशेष योगदान रहा।
वारदात का मास्टरमाइंड तरीका
मुल्जिमान बीकानेर शहर में बाईक पर रात्रि के समय महिलाओं का पीछा कर उनकी रैकी कर बाईक को महिला सवार साधन के पास लाकर झटके से बैग/समान को छीन लेते थे। फिर अपनी गाडी की स्पीड तेज कर भाग जाते थे व सुनसान जगह पर जाकर रूकते वहां पर महिलाओं से छीने हुए बैग व समान चैक करते थे। अपने शौक पूरे करने के लिए पैसो की खातिर आरेापी घटना को अजांत देते थे। आरोपी घटना के समय चोरी की या बिना नम्बरों की मोटरसाईल का उपयोग करते थे व अपने चेहरे को कपडे/गमछा आदि से ढककर रखतें थे।