बीकानेर@जागरूक जनता। बीकानेर मुख्यालय के उपखण्ड समुचित प्राधिकारी (पीसीपीएनडीटी) व स्वास्थ्य विभाग बीकानेर जोन के संयुक्त निदेशक डॉ देवेंद्र चौधरी ने बीकानेर शहरी क्षेत्र के 2 आईवीएफ व 5 सोनोग्राफी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। उनके साथ कार्यवाही में जिला टीबी अधिकारी डॉ सीएस मोदी व जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण शामिल रहे। सादुल कॉलोनी, पवन पुरी, शार्दुल गंज आदि क्षेत्रों में स्थित विभिन्न सोनोग्राफी केंद्रों व आईवीएफ केंद्रों पर पीसीपीएनडीटी एक्ट की समुचित पालना का निरीक्षण किया गया। दल द्वारा फॉर्म एफ़, फेटल रजिस्टर की जांच की गई। डॉ चौधरी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा मुखबिर योजना के तहत इनाम राशि बढ़ाकर ₹3 लाख कर दी गई है जिसका समुचित प्रचार करना प्रत्येक सोनोग्राफी केंद्र का दायित्व है। उन्होंने नाबालिक की सोनोग्राफी करने से पूर्व उनके संरक्षक या माता-पिता की सहमति को अनिवार्य रूप से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने 12 से 24 सप्ताह के गर्भ वाली ऐसी गर्भवतियाँ जिनके पहले से दो से तीन लड़कियां हैं के द्वारा सोनोग्राफी करवाने पर विभाग को सूचित करने के निर्देश दिए ताकि ऐसे केस की ट्रैकिंग करवाई जा सके। साथ ही भ्रूण लिंग जांच की मांग करने वालों के संबंध में रेड बटन की उपयोगिता भी बताई। समन्वयक चारण ने फॉर्म एफ को सही तरीके से भरने के निर्देश देते हुए बताया कि इसमें त्रुटियों पर भी वांछित कार्यवाही अमल में लाई जाती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएल मीणा ने बताया कि बीकानेर जिले में जन्म पर लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है जिसे जिला कलेक्टर नमित मेहता द्वारा गंभीरता से लेते हुए पीसीपीएनडीटी एक्ट की सख्ती से अनुपालन व मॉनिटरिंग करवाने के निर्देश दिए गए हैं। आगे भी जांच व निरीक्षण की कार्यवाहियाँ जारी रहेगी।