नारायण उपाध्याय
बीकानेर@जागरूक जनता। शिक्षा के बढ़ावे से समाज में कई तरह के सुधार देखने को मिले हैं। वहीं, लोग विभिन्न आयोजनों में फिजूलखर्ची भी रोक रहे हैं। शिक्षित लोग दहेज मुक्त शादी को भी बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसा ही उदाहरण बीकानेर जिले में देखने को मिला। जहां जाखड़ परिवार तेजरासर ने बीते दिवस 7 जुलाई को हुई एक शादी में बतौर वर पक्ष की और से दहेज प्रथा जैसी कुरीति को खत्म करने की पहल की गई। वर पक्ष ने दहेज के रूप में केवल एक रूपया और नारियल स्वीकार किया, वहीं दोनों पक्षों की और से पूर्णतया नशामुक्त समारोह आयोजित करना अनूठी मिसाल बन गया है।
बता दें कि जिले के गांव तेजरासर निवासी गोपाल राम जाखड़ के दो पोत्रो अनिल जाखड़ व प्रेम जाखड़ की शादी गांव गांव भीखनेरा लूणकरणसर निवासी काशीराम धत्तरवाल की पोत्रियो संगीता वह सुमन संग तय हुई। शादी बीते 7 जुलाई को संपन्न हुई। वहीं शादी में दहेज प्रथा पर प्रहार करते हुए वर पक्ष ने एक नई पहल की। वर पक्ष ने आपसी सहमति से समाज की कुरीतियां मिटाने और शादी समारोह को पूर्णतया नशामुक्त बनाने को संकल्प लिया, और दहेज के रूप में ₹1 नारियल लेकर समाज में दहेज रूपी कुप्रथा का बहिष्कार किया। जाखड़ परिवार ने दोनो बहुओं को बिना किसी दहेज के स्वीकार कर समाज में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
शादी समारोह में वर पक्ष की और से दूल्हों के दादा गोपाल राम जाखड़ ने वधू पक्ष की और से दहेज के रूप में दी जाने वाली नकदी लेने से इंकार कर दिया और दहेज प्रथा खत्म करने की बात कहते हुए हाथ जोड़कर शादी में नेग के रूप में एक रूपया और एक नारियल लेने की बात रखी। दोनों परिवारों ने मिलकर इस प्रस्ताव को स्वीकृत किया और समाज को एक नई दिशा दी।
दूल्हे के चाचा ने कही ये बात
दूल्हे के चाचा व युवा उद्योगपति भागीरथ जाखड़ ने कहा कि समाज कुरीतियों के कारण गलत दिशा में जा रहा है। हमें कुरीतियों को मिटाने के साथ-साथ नशे जैसी बुराई को भी खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे समाज व रिश्तेदारों को भी दहेज प्रथा समाप्त करने के लिए प्रेरित करेंगे।