अपने समय को पहचान कर लिखना जरूरी है-शांतिलाल जैन


अपने समय को पहचान कर लिखना जरूरी है-शांतिलाल जैन

बीकानेर@जागरूक जनता । विगत रविवार को व्यंग्यधारा समूह के द्वारा साप्ताहिक  ऑनलाइन विमर्श के स्वर्ण जयंती सत्र का आयोजन किया गया| व्यंग्य विमर्श के विषय  “व्यंग्य के प्रतिमान और वर्तमान” पर केन्द्रित आयोजन की शुरुआत में रमेश सैनी ने अपनी भूमिका और आज के आयोजन के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना के आरंभ से ही व्यंग्यधारा समूह व्यंग्य के प्रति समर्पण भाव से रचनाओं पर विमर्श, व्यंग्य की चिंताओं पर व्यंग्य-विमर्श, अपने समय के महत्वपूर्ण व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई, शरद जोशी की चर्चित रचना पर विमर्श, वरिष्ठ व्यंग्यकार पर केंद्रित महत्व व्यंग्यकार श्रृंखला में कुंदन सिंह परिहार और संतोष खरे पर विमर्श आदि गतिविधियों के द्वारा सक्रिय हस्तक्षेप करता रहा है और भविष्य में भी यह हस्तक्षेप जारी रहेगा| उज्जैन निवासी और व्यंग्यकार शांतिलाल जैन ने इस आयोजन का आरंभिक वक्तव्य देते हुए कहा कि मैं जितना देख पा रहा हूँ उसके अनुसार आज के समय की चिंताएं, मानवीय संवेदना, न्यायालयीन, राजनीतिक गठजोड़, राजनीति के गिरते स्तर की भयावह स्थिति पर कोई नहीं लिख रहा है. हमारी मानवीयता कितनी कमजोर हो गई है. पर इसे नजरअंदाज किया जा रहा है. इंदौर के अतिथि वक्ता  व्यंग्यकार डॉ. जवाहर चौधरी ने कहा कि व्यंग्य की कड़क या तीखी रचना को अखबार या पत्रिका वाले अपनी नीति और नफा-नुकसान को देखकर छापने से परहेज करते हैं. व्यंग्यकार जानता सब है, देखता सब है, पर लिखता नहीं है. लखनऊ से अतिथि वक्ता राजेन्द्र वर्मा ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जो आज लिखा जा रहा है वह तसल्ली वाला नहीं है. जो लिख रहे हैं, वे जानते नहीं हैं कि व्यंग्य क्या है, या फिर जानबूझकर कर रहे हैं. व्यंग्य में दृष्टि साफ होना चाहिए. विसंगति, प्रवृत्ति, प्रकृति, सरोकारों को पकड़ कर सामने लाना ही व्यंग्यकार का उद्देश्य होना चाहिए. भोपाल से अतिथि वक्ता श्रीकांत आप्टे ने कहा कि समाज में विसंगतियां, पाखंड और प्रपंच सदा से व्याप्त हैं, पर व्यंग्यकार इन्हें उजागर करने हेतु साहित्य का शल्य चिकित्सक के समान होता है. पर आज का व्यंग्यकार अपने बारे में भी सच नहीं सुनना चाहते हैं. वे तो अपनी रचना की टिप्पणी  को भी नहीं सुन पाते हैं. जबलपुर से वरिष्ठ व्यंग्यकार कुंदन सिंह परिहार ने  व्यंग्य के परिदृश्य पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज व्यंग्यकार अपनी भाषा के प्रति गंभीर नहीं है। वह भाषा के लिए मेहनत नहीं कर रहा है. आज पहले की पीढ़ी की तुलना में आज सैकड़ों व्यंग्य लिख रहे हैं. पर क्या बात है अच्छी रचनाओं को रेखांकित नहीं कर पाए हैं। अच्छा लेखन सामने नहीं आ रहा है और घटिया लेखन चारो तरफ प्रचुर मात्रा में लिखा और छपवाया जा रहा है । यह व्यंग्य-लेखन के लिए शुभ संकेत नहीं है रचनाकार तटस्थ नहीं हो सकता है. उसे अपना स्टेण्ड लेना पड़ेगा। साहस और सावधानी साथ साथ चल नहीं सकती हैं.अगले सत्र में दिल्ली के डॉ. रमेश तिवारी ने हरिशंकर परसाई और शरद जोशी के समय से स्थापित प्रतिमानों और अतिथियों के चिंतनपरक वक्तव्यों से उपजे सवालों को वक्ताओं के सामने रखा और सवाल-जवाब सत्र का सफल संचालन किया| प्रमोद चमोली जी के प्रश्न आज के परिदृश्य की समस्याओं का जवाब क्या है ? इसका जवाब देते हुए शांतिलाल जैन ने कहा कि साधना के द्वारा ही हम अपने लेखन की दशा-दिशा को सुधार सकते हैं| बहुत से मित्रों ने साहित्य को सफलता का शार्टकट समझा और इसी नीयत से सक्रिय हो गए हैं जबकि वास्तव में साहित्य में सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता| बहुत साधना करनी पड़ती है तब जाकर कभी कहीं पर कुछ बात बनती है । आज के परिदृश्य की सभी समस्याओं का जवाब साधना है। अनेक सहभागियों के सवालों का सभी अतिथियों ने संतोषजनक जवाब दिया ।
अंत में नागपुर के टीकाराम साहू आजाद ने व्यंग्यधारा के स्वर्णजयंती आयोजन की पहली श्रंखला में अतिथि वक्ताओं और सहभागियों का आभार प्रदर्शन किया. इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और गरिमामय आयोजन में सर्वश्री मधु आचार्य’आशावादी'(बीकानेर) बुलाकी शर्मा( बीकानेर), अनूप शुक्ल(शाहजहांपुर), सुनील जैन ‘राही’(दिल्ली), राजशेखर चौबे(रायपुर), डॉ. महेन्द्र कुमार ठाकुर(रायपुर), कुमार सुरेश(भोपाल), श्रीमती वीना सिंह(लखनऊ), सुश्री चंद्रकांता (हिमाचल प्रदेश), प्रभाशंकर उपाध्याय(सवाई माधोपुर), श्रीमती अलका अग्रवाल सिग्तिया(मुम्बई), श्रीमती रेणु देवपुरा(उदयपुर), वीरेन्द्र सरल (धमतरी), मुकेश राठौर(मप्र), प्रमोद चमोली(बीकानेर), ओम वर्मा(देवास), विवेक रंजन श्रीवास्तव(जबलपुर), अभिजित कुमार दूबे(धनबाद) सूर्यदीप कुशवाहा, रामस्वरूप दीक्षित(टीकमगढ़), एम एम चंद्रा(दिल्ली), अभिषेक अवस्थी(नोएडा), बीरेंद्र सरल(धमतरी), सौरभ तिवारी(दिल्ली) आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय  रही ।


Jagruk Janta

Hindi News Paper

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बड़ी खबर : राज्य सरकार ने 8वीं से 12वीं तक की सभी परीक्षाएं की रद्द, कक्षा 8 से 11वीं के सभी विद्यार्थी होंगे अगली कक्षा में प्रमोट

Wed Apr 14 , 2021
बड़ी खबर : राज्य सरकार ने 8वीं से 12वीं तक की सभी परीक्षाएं की रद्द, कक्षा 8 से 11वीं के सभी विद्यार्थी होंगे अगली कक्षा में प्रमोट जयपुर@जागरूक जनता । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए राज्य सरकार […]

You May Like

Breaking News