जयपुर। दौसा में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हाइवे बना रही दो कंपनियों से लाखों रुपए घूस मांगने के बहुचर्चित मामले में गिरफ्तार हुए IPS मनीष अग्रवाल और उनके लिए वसूली करने वाले दलाल नीरज मीणा की राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में जस्टिस पंकज भंडारी ने शुक्रवार को यह आदेश दिया। इसके अलावा रिश्वत कांड में IPS मनीष के लिए दलाली के आरोप में गिरफ्तार गोपाल सिंह को हाईकोर्ट ने राहत देते हुए जमानत दे दी। अदालत ने पिछली सुनवाई में यह फैसला सुरक्षित रखा था।
राजकीय अधिवक्ता मंगल सिंह सैनी ने जमानत का किया विरोध करते हुए कहा कि मामले में आरोपी मनीष अग्रवाल का पूर्व का अपराधिक रिकॉर्ड पत्रावली पर मौजूद है। जिसका सर्विस रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं है। यह उच्च पद पर आसीन है इस केस में सभी गवाह उसके अधीनस्थ कर्मचारी हैं। जो जेल से छूटने के बाद गवाहों को प्रभावित करेगा। इसलिए IPS मनीष अग्रवाल की जमानत अर्जी खारिज की जाए।
दौसा में रिश्वतकांड में दो RAS सबसे पहले हुए थे गिरफ्तार, अब जमानत पर है जेल से बाहर
जानकारी के अनुसार जमानत पाने वाले आरोपी गोपाल सिंह को तीन महीने पहले ACB ने गिरफ्तार किया था। वह ग्राम गुड़की, थाना कोलवा, जिला दौसा का रहने वाला है। वहीं, नीरज मीणा का दौसा में पेट्राेल पंप है। वह 13 जनवरी को दौसा SDM पुष्कर मित्तल और बांदीकुई SDM पिंकी मीणा के ट्रेप होने के बाद पकड़ा गया था।
ACB ने सबसे पहले RAS पिंकी मीणा को 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगने और RAS पुष्कर मित्तल को पांच लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद मुकदमे में नामजद दौसा के तत्कालीन एसपी IPS मनीष अग्रवाल को ACB मुख्यालय में 2 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया। वहां उनको गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मार्च में मनीष अग्रवाल को उनकी बहन की शादी के लिए 10 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी।
दो महीने पहले आईपीएस और दोनों दलालों के खिलाफ चार हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की थी
आपको बता दें कि एसीबी ने जांच पूरी कर करीब दो महीने पहले IPS मनीष अग्रवाल, दलाल नीरज मीणा और दलाल गोपाल मीणा के खिलाफ ACB कोर्ट में चार हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। ADG दिनेश एमएन के सुपरविजन में केस की तफ्तीश एडिशनल SP पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने यह जांच की थी। दायर की गई चार्जशीट में दौसा के तत्कालीन नांगल राजावतान थाना प्रभारी कृष्ण कुमार मीणा और एक पुलिस कांस्टेबल सुमेर सिंह के खिलाफ जांच को पैडिंग रखा गया है। आरोप साबित होने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
दुस्साहस ऐसा कि…IPS ने पुलिस इंस्पेक्टर से 50 लाख रुपए मांगे थे, नहीं देने पर कहा कि नौकरी खराब कर दूंगा
पुलिस थाना लालसोट में एक पुलिस इंस्पेक्टर अमित कुमार को पद पर बनाए रखने व विभागीय कार्रवाई नहीं करने की एवज में दलाल गोपालसिंह ने ही इंस्पेक्टर से 60 लाख रुपए की रिश्वत मांगना भी प्रमाणित पाया गया। मामले में गवाह इंस्पेक्टर अमित ने एसीबी को दिए बयानों में कहा कि एसपी ने उन्हें बुलाकर कहा था कि लालसोट में थानाधिकारी रहते हुए एक साल हो गया है.. तुम मुझे 50 लाख रुपए दो अन्यथा नौकरी खराब कर दूंगा.. दो चार दिन में साेच लाे नहीं तो पुलिस लाइन तुझे हिसाब से लाऊंगा।
मानपुर के तत्कालीन थानाधिकारी को डरा-धमका कर दस लाख रुपए की मांग करना व नहीं देने पर एनडीपीएस केस में 17 सीसी का नोटिस देना भी प्रमाणित पाया गया। चालान में कहा गया कि मनीष ने सिकंदरा दौसा में दर्ज 280-2020 मामलों में जगमोहन मीना से 25 लाख रु. की घूस की मांग करना प्रमाणित पाया। वहीं प्रेमप्रकाश को षड्यंत्रपूर्वक गिरफ्तार कर उससे चार केसों के 40 लाख रु. की मांग की। बाद में पांच लाख रुपए नगद व 2100 वर्गगज जमीन प्राप्त की। 507 वर्गगज का भूखंड भी घूस में लेना साबित हुआ।